Sunday, November 17, 2024
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अंतरिक्ष में मानव भेजने की दिशा में ISRO ने हासिल की पहली सफलता, टीवी डी-1 टेस्ट सफल: पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएँ

इस अभियान में कुल 900 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इससे पहले इसके लिए तीन वाहन परीक्षण किए जाने हैं। इनमें पहला वाहन परीक्षण मिशन टीवी-डी1 सफल रहा। अब दूसरा टीवी-डी2 मिशन और तीसरा परीक्षण एलवीएम3-जी1 का परीक्षण होगा।

भारत ने अंतरिक्ष में मानव को भेजने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार (21 अक्टूबर 2023) को सुबह 10 बजे मिशन गगनयान (Mission Gaganyaan) की टेस्ट फ्लाइट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO को बधाई दी है।

परीक्षण के सफल होने की जानकारी ISRO ने X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। अपने पोस्ट में अंतरिक्ष शोध संस्थान ने कहा, “मिशन गगनयान। टीवी डी1 की परीक्षण उड़ान पूरी हो गई है। क्रू एस्केप सिस्टम ने इच्छानुसार प्रदर्शन किया। मिशन गगनयान सफल रहा।”

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के पोस्ट पर जवाब देते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह प्रक्षेपण हमें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान को साकार करने के एक कदम और करीब ले जाता है। हमारे वैज्ञानिकों को मेरी शुभकामनाएँ। @इसरो।”

इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसका सफल प्रक्षेपण किया। इसके जरिए 17 किलोमीटर की ऊँचाई पर क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल लॉन्च किया गया है। इसके बाद श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में इसकी सुरक्षित लैंडिंग हुई। इस मिशन में भारतीय नौसेना भी शामिल है।

गगनयान टीवी डी1 के तीन मुख्य पैराशूट सफल परीक्षण के कुछ मिनट बाद तैनात किए गए थे। इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि परीक्षण के सफल होने पर उन्हें बेहद खुशी हुई है। इस परीक्षण का उद्देश्य चालक दल के बाहर निकलने की प्रणाली का प्रदर्शन जाँचना था।

ISRO के मुताबिक, मानव को अंतरिक्ष में भेजने से पहले एजेंसी इसे पाँच स्तर पर प्लान की है, जिसमें चार बार टेस्टिंग फेज में काम होगा। सबसे पहले कई सारे ड्रॉप टेस्ट किए गए हैं। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया गया है कि हवा से जमीन पर कैप्सूल गिरने से कोई नुकसान हो रहा है या नहीं।

इसके बाद टेस्ट व्हीकल मिशन को प्लान किया गया। शनिवार (21 अक्टूबर) को इसकी पहली उड़ान को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसके अलावा पैड अबोर्ट टेस्ट और मानवरहित उड़ान भेजे जाएँगे। इन सभी टेस्ट फ्लाइट की सफलता के बाद अंत में मानव को एलवी मार्क III रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

इस यान में सर्विस मॉड्यूल और कमांड मॉड्यूल बनाए जाएँगे। ये मॉड्यूल गगनयान मिशन के दौरान अलग-अलग जरूरतों को पूरा करेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष यात्रियों को इस मिशन के लिए ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है।

इस अभियान में कुल 900 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इससे पहले इसके लिए तीन वाहन परीक्षण किए जाने हैं। इनमें पहला वाहन परीक्षण मिशन टीवी-डी1 सफल रहा। अब दूसरा टीवी-डी2 मिशन और तीसरा परीक्षण एलवीएम3-जी1 का परीक्षण होगा। इस अभियान के तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की कक्षा में पहुँचाकर वापस सुरक्षित धरती पर लाया जाएगा। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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