केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार (16 अक्टूबर 2021) को कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह स्थित कालापानी में माउंट हैरियट का नाम बदलकर माउंट मणिपुर किया जाएगा। पोर्ट ब्लेयर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह कदम अंडमान की सेल्युलर जेल में सज़ा काट चुके मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए उठाया गया है।
I thank Hon’ble PM @narendramodi ji & Union HM @AmitShah ji for the pathbreaking decision of renaming the historical Mount Harriet as ‘Mount Manipur’.
— Ashok Singhal (@TheAshokSinghal) October 17, 2021
Another exemplary testimony to the fact that North East has been always in the hearts of @BJP4India leadership.@blsanthosh pic.twitter.com/Vwa4YNfvtq
इस जनसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में मणिपुर का महत्वपूर्ण योगदान था, लेकिन इसके बाद भी इस राज्य को उचित सम्मान नहीं मिल पाया। इसलिए केंद्र सरकार ने इस चोटी का नाम मणिपुर के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। इसी के साथ मणिपुर सरकार उस स्थान पर एक स्मारक भी बनवाएगी।
अमित शाह ने कहा, “1857 की क्रांति के दौरान और 1891 में पूरे पूर्वोत्तर में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष में मणिपुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्वाधीनता के संघर्ष में मणिपुर ने कभी हार नहीं मानी और वहां के लोग लड़ते रहे। उस समय में मणिपुर एकमात्र ऐसा राज्य था जिसने अपना खुद का संविधान लागू किया था। मणिपुर में स्वतंत्रता के संघर्ष के नायक युवराज टिकेंद्रजीत और जनरल थंगल को इंफाल के फ़िदा में सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया गया था। अंग्रेजों को लगा कि ऐसा कर के उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन को कुचल दिया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाद में महाराजा कुलचंद्र ध्वज सिंह और 22 स्वतंत्रता सेनानियों को कालापानी भेजा गया। उन सभी को यहाँ माउंट हैरियट पर रखा गया था। आज उनकी याद में हम माउंट हैरियट का नाम माउंट मणिपुर रख कर उनके योगदान का सम्मान करना चाहते हैं”।
साल 1891 में एंग्लो-मणिपुर युद्ध के बाद मणिपुर के महाराजा कुलचंद्र सिंह और 22 सेनानियों को सेलुलर जेल में कैद किया गया था। इसे कालापानी के नाम से भी जाना जाता है। राजा के भाई और सैन्य कमांडर टिकेंद्रजीत सिंह को युद्ध के बाद ब्रिटिश द्वारा उनके 4 अन्य सहयोगियों के साथ फाँसी दे दी गई थी।
तब महाराजा कुलचंद्र को महारानी के साम्राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के आरोप में लेफ्टिनेंट कर्नल सेंट जॉन मिशेल की अध्यक्षता में एक विशेष आयोग के आगे पेश किया गया था। उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया। इसी के साथ उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश के राधाकुंड भेज दिया गया जहाँ, 1934 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
हर वर्ष 13 अगस्त को मणिपुर के लोग अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष में अपनी जान देने वाले सेनानियों की याद में देशभक्ति दिवस मनाते हैं। माउंट हैरियट का नाम माउंट मणिपुर करने का मकसद 1891 के एंग्लो-मणिपुर युद्ध में मणिपुर के वीर योद्धाओं के बलिदान का सम्मान करना है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “यह नामकरण महाराजा कुलचंद्र और कालापानी की सज़ा काटने वाले मणिपुर के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को एक योग्य श्रद्धांजलि है”। इस निर्णय के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया है।
In a fitting tribute to Maharaja Kulachandra & other Manipuri freedom fighters imprisoned at Mt Harriet in Kalapani, Hon’ HM Sh @AmitShah Ji has renamed Mt Harriet as Mt Manipur. We’re immensely thankful to PM @narendramodi Ji & Amit Shah Ji for such a great honour of our heroes pic.twitter.com/Sq4dCGKbvK
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) October 16, 2021
इसी के साथ मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने आगे बताया कि केंद्र सरकार अंडमान निकोबार द्वीप के माउंट मणिपुर में एक स्मारक बनाने में मणिपुर सरकार की सहायता करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए अंडमान सरकार और मणिपुर सरकार के बीच लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया भी चल रही है।