गो-हत्या मामले में आरोपित नदीम, शकील और आजम पर रासुका लगाने वाले कमलनाथ मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस के पहले मुख्यमंत्री बन चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस तरह से मुख्यमंत्री कमलनाथ गो-हत्या के लिए भाजपा से ज्यादा संवेदनशील नज़र आ रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस अख़बार की एक रिसर्च के अनुसार भाजपा के शासनकाल में गो हत्या के मामलों में वर्ष 2007 से 2016 के बीच शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लगभग 22 लोगों पर NSA के तहत कार्रवाही की।
इस स्ट्राइक रेट पर अगर विस्तार से देखा जाए, तो भाजपा अपने इन 9 वर्षों के 108 महीनों में मात्र 22 लोगों के ख़िलाफ़ ही कार्रवाई कर पाई, जबकि कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के मात्र 2 महीनों में ही 3 गो हत्यारों पर रासुका लगाकर जबरदस्त बढ़त लेकर चल रहे हैं।
यह दर्शाता है कि 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा सरकार गो-माता सम्बन्धी अपराधों में ज्यादा ध्यान नहीं दिया, वहीं गाय माता के प्रति मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस के CM कमलनाथ भाजपा से ज्यादा संवेदनशील हैं और गो हत्या के मामलों पर बिलकुल भी नरमी बरतने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।
गाय को ‘चुनावी माता’ बनाकर कॉन्ग्रेस ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ग्राम पंचायतों में गौशाला बढ़ाने का वादा किया था। कॉन्ग्रेस पार्टी ने डंके की चोट पर गाय के पीछे-पीछे चलने का ऐलान कर दिया था और गौशाला बनाने के लिए अनुदान देने की बात भी कही है।
शायद कॉन्ग्रेस के चुनावी पंडितों की बुद्धि ये मानने को बाध्य हो चुकी है कि गाय मजबूरी नहीं बल्कि जरूरी है।