उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बाहुबलियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। ताज़ा मामले में योगी सरकार ने मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के नज़दीकियों पर कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश पुलिस थाने की फर्जी मुहर तैयार करके शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण करने के आरोपित मेराज अहमद को खोज रही है। उसकी तलाश में पुलिस ने शनिवार (26 सितंबर 2020) को उसके भाई सेराज अहमद को गिरफ्तार किया।
सेराज अहमद प्रयागराज के सरायनाइक थाने में बतौर सिपाही तैनात है। पुलिस ने 5 सितंबर 2020 की रात जैतपुरा थाने (वाराणसी) में मेराज के विरुद्ध शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण में फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया था। इसके बाद से ही मुख्तार अंसारी का सहयोगी और हिस्ट्रीशीटर मेराज फरार चल रहा है। इस मुद्दे पर जैतपुरा थाने के इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने मीडिया वालों से बात करते हुए विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “अदालत की तरफ से आदेश जारी होने के बाद मेराज के दो घरों पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया है। पहला घर वाराणसी के अशोक विहार कॉलोनी फेज़ वन में स्थित है और दूसरा गाजीपुर के करीमुद्दीन थाना अंतर्गत महेन गाँव में स्थित है।” इसके बाद उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस मेराज को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ, प्रयागराज, मिर्जापुर, जौनपुर सहित अन्य इलाकों में दबिश दे रही है।
वहीं गिरफ्तार किए गए सिपाही सेराज पर आरोप था कि उसने फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण मामले में मेराज अहमद का सहयोग किया था। जिसके बाद पुलिस ने अशोक विहार फेज़ 1 स्थित घर पर दबिश दी और वहाँ से सेराज को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस को सूचना मिली थी कि सेराज वहीं पर मौजूद था, जिसके बाद पुलिस ने वहाँ की घेराबंदी की। पुलिस ने इस गिरफ्तारी की सूचना प्रयागराज पुलिस को दे दी है, जहाँ वह बतौर सिपाही तैनात था। फिलहाल पुलिस मेराज अहमद की तलाश में लगी हुई है।