राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र की उद्धव कैबिनेट में मंत्री नवाब मलिक हाल में काफी चर्चा में रहे हैं। खासकर, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ रोज नए दावों को लेकर। इस बीच एक नया मामला सामने आया है। मुंबई जिला सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक (Cooperative Bank) ने एनसीपी नेता सहित सात अन्य पर 1000 करोड़ रुपए की मानहानि का केस ठोका है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में नवाब मलिक को जवाब देने के लिए छह हफ्तों का समय दिया है।
बैँक की ओर से पेश वकील अखिलेश चौबे ने बताया कि एक से चार जुलाई के बीच नवाब मलिक की ओर से बैंक के खिलाफ कई होर्डिंग्स मुंबई की सड़कों पर लगाए गए थे। इन होर्डिंग्स से बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा है। उन्होंने बताया कि बैंक की ओर से इस मामले में मलिक को नोटिस भी भेजा गया था। लेकिन उन्होंने इसके पीछे होने से इनकार करते हुए नोटिस वापस लेने को कहा। इसलिए संबंधित मामले में सार्वजनिक रूप से माफी माँगने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
बैंक के अनुसार एनसीपी नेता की ओर से जवाब में कहा गया कि न तो उन्होंने और न ही उनकी पार्टी यानी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी होर्डिंग्स लगाने से किसी भी तरह से जुड़ी हुई है। उन्होंने इसे झूठे विवाद में फँसाने की कोशिश बताया। वहीं, बैंक के अनुसार मलिक और अन्य ने उनकी छवि खराब करने के इरादे से अपमानजनक होर्डिंग्स लगाए थे।
बैंक की ओर से मानहानि के दायर केस में कहा गया, “पहली नजर में यह बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने का इरादा लगता है। होर्डिंग्स द्वारा बैंक की छवि को बड़े पैमाने पर जनता के सामने धूमिल करने की कोशिश हुई है, जिससे बैंक के संचालन और बिजनेस को नुकसान पहुँचे। मलिक और अन्य लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर जनता के दिमाग में यह बात पहुँचाने की कोशिश हुई कि बैंक भ्रष्ट है और उनकी जमा राशि वहाँ सुरक्षित नहीं है।”
आगे याचिका में बैंक की ओर से कहा गया है कि मलिक और अन्य को बैंक से पूर्ण रूप से और बिना शर्त माफी माँगनी चाहिए। साथ ही कहा गया है कि बैंक के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस लेने के लिए उन्हीं जगहों पर नवाब मलिक और अन्य को होर्डिंग लगाने का निर्देश दिया जाए जहाँ ‘गलत जानकारी’ वाले होर्डिंग लगाए गए थे। इसके अलावा मलिक और अन्य को 10,000,000,000 रुपए की भुगतान करने का आदेश देने की माँग कोर्ट से की गई है।