मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित इस्लाम जिमखाना फ़िलहाल सुर्खियों में बना हुआ और इन सुर्ख़ियों की वजह एक विवाद है। इसके अध्यक्ष और पूर्व कॉन्ग्रेस विधायक ने जिमखाना परिसर में ताश सहित अन्य खेलों पर पाबंदी लगा दी है लेकिन इस्लाम जिमखाना के अनेक सदस्यों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इसका स्वरूप ‘लिबरल’ है, इसलिए इस तरह के फैसले का कोई औचित्य नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस्लाम जिमखाना के अध्यक्ष युसूफ अब्रहानी ने शुक्रवार (30 अक्टूबर 2020)) को ईद-ए-मिलाद के मौके पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया। यह आदेश जारी करते हुए युसूफ अब्रहानी ने जिमखाना के सदस्यों पर आरोप लगाया कि वह ताश की आड़ में ‘जुआ और सट्टा’ खेलते हैं।
इसके विपरीत जिमखाना के सदस्यों ने युसूफ अब्रहानी के इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि जिमखाना लिबरल और स्वच्छंद विचारों की जगह है। इसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जिमखाना को मदरसा नहीं बनाया जा सकता है।
मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित इस्लाम जिमखाना के एक सदस्य इश्तियाक अली ने विरोध दर्ज कराते हुए इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर अब्रहानी को इस बात का अंदेशा है कि जिमखाना में लोग जुआ खेलते हैं तो वह पुलिस में शिकायत क्यों नहीं करते? यह एक क्लब है, इसे मदरसा नहीं बनाया जा सकता है। उन्हें इस मुद्दे पर धार्मिक कार्ड नहीं खेलना चाहिए।”
इनके अलावा इस्लाम जिमखाना के एक और सदस्य आसिफ फारुखी ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर वह जुआ रोकना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। सदस्यों को ताश खेलने से रोकना और खासकर वरिष्ठ नागरिकों को, यह सरासर गलत है। ऐसा किसी भी सूरत में नहीं किया जाना चाहिए।” फ़िलहाल इस मुद्दे पर विवाद जारी ही है।
इसके कुछ समय बाद इस्लाम जिमखाना के अध्यक्ष युसूफ अब्रहानी ने अपने फैसले के पीछे की वजह भी बताई। उनका कहना था कि जिमखाना प्रशासन तमाम तरह के खेलों को प्रोत्साहन देता है लेकिन यहाँ बहुत से लोग कार्ड खेलने के नाम पर जुआ खेल रहे हैं और वह सही नहीं है। फिर उन्होंने कहा, “हमारे रिकॉर्ड में मौजूद है कि कार्ड रूम में एक सदस्य के लिए कुल 5 मेहमान (गेस्ट) थे मौजूद थे।”
अंत में उन्होंने कहा, “हमने जिमखाना में दर्जनों खेल शामिल किए हैं, जिसमें टेनिस, बैडमिन्टन, वॉलिबॉल, महिलाओं के लिए रिक्रिएशन सेक्शन, जिम, जकूज़ी, स्टीम बाथ, सौना बाथ और स्पा शामिल हैं। जो लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं कि हम इसे मदरसे में तब्दील कर रहे हैं, वही बताएँ कि किस मदरसे में स्पा और स्टीम बाथ होती है?”
उल्लेखनीय है कि इस्लाम जिमखाना का इतिहास 130 साल पुराना है, यह खेल कूद और सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है।