उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले में एक मुस्लिम दम्पति ने घर वापसी की है। हिन्दू धर्म स्वीकार करने के बाद शामली निवासी शाहनवाज अब राहुल बन चुके हैं जबकि उनकी बीवी अर्शी का नाम पूनम हो गया है। मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली पूनम पहले हिन्दू हुआ करती थीं जिन्होंने 3 साल पहले शाहनवाज से निकाह कर के अर्शी नाम से इस्लाम कबूल कर लिया था। रविवार (10 मार्च, 2024) को हुए इस कार्यक्रम के बाद पति-पत्नी ने अयोध्या से आई मिट्टी को माथे पर लगा कर तिलक किया और भविष्य में हमेशा सनातन पद्धति से जीने का संकल्प लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घर वापसी का यह कार्यक्रम तितावी थानाक्षेत्र में मौजूद मुज़फ्फरनगर के बघरा स्थित योग साधना यशवीर आश्रम में हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 3 साल पहले पूनम गुर्जर नाम की लड़की और शाहनवाज नाम से युवक में कथित तौर पर प्यार हुआ था। पूनम मूलतः उत्तराखंड के रुड़की की रहने वाली हैं जबकि शाहनवाज शामली जिले के कैराना का निवासी है। थोड़े समय मिलने-मिलाने के बाद दोनों ने इस्लामी तौर-तरीके से निकाह कर लिया था। पूनम ने भी हिन्दू धर्म त्याग कर अपना नाम अर्शी रख लिया था।
बताया जा रहा है कि निकाह के बाद पूनम को इस्लामी तौर-तरीके बिलकुल पसंद नहीं आए। वो बचपन से ही शाकाहारी थीं लेकिन उनको माँस-मछली खाने के लिए कहा जाता था। इस मतभेद की वजह से पूनम की शाहनवाज के घर में नहीं बनी। वो फिर से सनातन में लौटना चाहती थीं। इसके लिए पूनम ने अपने शौहर शाहनवाज को भी समझाना शुरू कर दिया। तब तक घेरलू कलह के चलते पूनम अपने शौहर शाहनवाज के साथ उसके परिवार से अलग रहना शुरू कर चुकी थीं।
कुछ दिनों बाद शाहनवाज को भी हिन्दू तौर-तरीके पसंद आने लगे। वह सनातनी पद्धति से जीना शुरू किया। घर वापसी के लिए इस दम्पति ने मुज़फ्फरनगर के स्वामी यशवीर आश्रम से सम्पर्क किया। आखिरकार उन्हें रविवार का समय मिला। घर वापसी के कार्यक्रम के दौरान शाहनवाज और अर्शी ने वैदिक विधि-विधान से हवन किया। दोनों ने देवी-देवताओं की जयकार की। इस दौरान इन दोनों ने अयोध्या से आई मिट्टी से तिलक किया। विधिवत पूजापाठ के बाद अर्शी ने पुनः अपना मूल नाम पूनम रख लिया जबकि शाहनवाज राहुल बन गए।
पूरे कार्यक्रम के दौरान शाहनवाज ने जय श्री राम प्रिंट लिखा गमछा ओढ़ रखा था। उन्होंने जय श्री राम का नारा लगाते हुए कहा कि उनको इस्लाम में अच्छा नहीं लगता था और पहले भी वो पूजापाठ किया करते थे। पूनम और राहुल ने भविष्य में सनातन पद्धति से ही जीने का संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वामी यशवीर आश्रम में मौजूद संतों और हिन्दू संगठन के अन्य सदस्यों ने घर वापसी करने वाले दम्पति को आशीर्वाद दिया।