कर्नाटक में धर्मांतरण विरोेधी कानून (Karnataka Protection of Right to Freedom of Religion Act) के तहत पहली गिरफ्तारी की गई है। निकाह करने की नीयत से एक हिंदू महिला का धर्मांतरण कर मुस्लिम (Religious Conversion of Hindu Woman) बनाने के आरोप में 24 साल के चिकन विक्रेता सैयद मोइन को कोगिरफ्तार किया गया है।
दरअसल, 5 अक्टूबर 2022 को एक 19 साल की हिंदू लड़की अपने घर से लापता हो गई थी। इसके बाद लड़की की माँ ने यशवंतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। लड़की की माँ की शिकायत के बाद 6 अक्टूबर को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी।
इसी बीच लड़की की माँ ने अपनी बेटी को मोइन के घर में बुर्के में देख लिया। इसके बाद उसने पुलिस में फिर शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने आरोपित सैयद मोइन और लड़की को 8 अक्टूबर को थाने में बुलाकर पूछताछ की।
इस दौरान लड़की ने पुलिस को बताया कि मोइन ने उससे कहा कि वह उससे तभी निकाह करेगा, जब धर्मांतरण कर मुस्लिम बन जाएगी। इसके बाद मोइन उसे 6 अक्टूबर को धर्मांतरण करा दिया। हालाँकि, अभी दोनों ने निकाह नहीं किया है।
लड़की की माँ की शिकायत के आधार पर ‘कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार संरक्षण अधिनियम’ की धारा 5 के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद आरोपित सैयद मोइन को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में बेंगलुरु के सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। वहीं, लड़की को उसके माता-पिता के घर भेज दिया गया है।
लड़की को बहला-फुसलाकर मोइन आंध्र प्रदेश के पेनुगोंडा (Penugonda, Andhra Pradesh) लेकर गया और वहाँ के एक मस्जिद में उसका धर्म परिवर्तन कराने के बाद मुस्लिम बना दिया। यशवंतपुर के बीके नगर का रहने वाला मोइन चिकन शॉप पर काम करता था।
पीड़िता का परिवार साल 2007 में उत्तर प्रदेश से बेंगलुरु आया था। उसके पिता पेेंटर का काम करते हैं और माँ ज्ञानती देवी एक निजी कंपनी में हाउस कीपिंग का काम करती है। लड़की के दो और बहने हैं। लड़की ने प्री-यूनिर्सिटी के बाद पढ़ाई छोड़ दी है।
मोइन पीड़ित परिवार के मकान के बाद वाली गली में रहता था। लड़की की माँ को मोइन के साथ रिलेशनशिप की जानकारी छह महीना पहले मिली थी और इसके लिए उसे चेतावनी भी दी थी, लेकिन लड़की पर असर नहीं हुआ। वह मोइन के बहकावे में घर से लापता हो गई।
डीसीपी (नॉर्थ) विनायक पाटिल ने बताया कि लड़की ने अपनी सहमति से इस्लाम धर्म अपनाया है, लेकिन उसने नए कानून के तहत उल्लेखित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। नए कानून के तहत किसी भी महिला को अपनी धार्मिक पहचान बदलने की इच्छा के बारे में जिला मजिस्ट्रेट को 30 दिन पहले फॉर्म-I के माध्यम से बताना होता है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कर्नाटक की भाजपा सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया है, जो 30 सितंबर 2022 से राज्य में लागू हो गया है। इस अधिनियम के तहत कोई भी पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई, बहन या कोई अन्य व्यक्ति, जो उससे खून, शादी या गोद लेने से संबंधित है, प्राथमिकी दर्ज करा सकता है। कर्नाटक के धर्मांतरण विरोधी कानून की धारा 3 के तहत आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।