प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए चीते छोड़े थे। हालाँकि, चीतों को अभी तक एक बाड़े में रखा गया था। उन्हें बाड़े में ही खाने के लिए मांस दिया जाता था। चीतों ने छोटे बाड़े से छूटने के 24 घंटे के भीतर में अपना पहला शिकार किया है। उन्होंने चीतल (चित्तीदार हिरण) को अपना शिकार बनाया।
जिला वन अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश कुमार वर्मा ने कहा, “श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क में एक बड़े बाड़े में छोड़े जाने के 24 घंटे के भीतर दो चीतों ने अपना पहला शिकार किया।” अधिकारी ने कहा कि चीतों ने रविवार की रात या सोमवार की तड़के (6-7 अक्टूबर 2022) एक चीतल (चित्तीदार हिरण) का शिकार किया। अधिकारियों ने बताया कि निगरानी दल को इस शिकार की जानकारी सोमवार सुबह (7 अक्टूबर, 2022) में मिली। चीतल का शिकार करने के बाद चीतों ने उसे दो घंटे के भीतर खा कर खत्म कर दिया।
अधिकारी ने कहा कि सितंबर के मध्य में नामीबिया से भारत में छह चीतों को लाया गया। फ़्रेडी और एल्टन नाम के चीतों को 17 सितंबर से अलग रहने के बाद 5 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीतों को बड़े बाड़े में छोड़े जाने पर ख़ुशी व्यक्त की थी।
पीएम मोदी ने रविवार (6 अक्टूबर 2022) को ट्वीट कर कहा, “अच्छी खबर! मुझे बताया गया है कि मैंडेटरी क्वारंटाइन के बाद, 2 चीतों को कुनो निवास स्थान के अनुकूलन के लिए एक बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। अन्य को जल्द ही छोड़ दिया जाएगा। मैं यह जानकर खुशी हुई कि सभी चीते स्वस्थ, सक्रिय और अच्छी तरह से तालमेल बिठा रहे हैं।”
Great news! Am told that after the mandatory quarantine, 2 cheetahs have been released to a bigger enclosure for further adaptation to the Kuno habitat. Others will be released soon. I’m also glad to know that all cheetahs are healthy, active and adjusting well. 🐆 pic.twitter.com/UeAGcs8YmJ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 6, 2022
गत सितंबर माह में नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे। जिनमें से 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं। इन्हें पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। लगभग एक महीने तक इन दोनों चीतों को क्वारंटीन में रखने के बाद 5 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया। शुरुआती योजना के तहत इन चीतों को एक महीने तक क्वारंटीन में रखा गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, आमतौर पर जंगली जानवरों को स्थानांतरण से पहले और बाद में एक महीने के लिए क्वारंटीन किया जाता है, ताकि वे दूसरे देश से अपने साथ लाए किसी बीमारी को फैला ना पाएँ।