ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन गीता मेहता ने ‘पद्म श्री’ पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। बता दें कि गीता एक जानी-मानी लेखिका हैं और वर्तमान समय में अमेरिका की नागरिक हैं। सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 112 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया था, इसमें गीता मेहता का भी नाम शामिल है। लेकिन गीता ने यह सम्मान लेने से इनकार कर दिया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा, “मैं भारत सरकार की बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे ‘पद्म श्री’ के लायक समझा लेकिन बड़े अफ़सोस के साथ मुझे लगता है कि मुझे इसे अस्वीकार करना चाहिए, क्योंकि आम चुनाव आने वाले हैं और ऐसे में अवॉर्ड लेने को गलत समझा जा सकता है। जिससे पटनायक सरकार और मुझे शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है और मुझे इसका पछतावा होगा।”
शिक्षा और साहित्य में योगदान के लिए चुना गया था गीता का नाम
गीता मेहता को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान देने के लिए इस सम्मान के लिए चुना गया था। गीता ने 1979 में कर्म कोला, 1989 में राज, 1993 में ए रिवर सूत्र, 1997 में स्नेक्स एंड लैडर्स: ग्लिम्पसिस ऑफ मॉडर्न इंडिया और 2006 में इटरनल गणेश: फ्रॉम बर्थ टू रीबर्थ जैसी किताबों का लेखन किया है। साथ ही उन्होंने 14 डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्देशन भी किया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेखिका और उनके पति से लगभग 90 मिनट बातचीत की थी।
बता दें कि, 76 साल की गीता मेहता ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक और उनकी पत्नी ज्ञान पटनायक के तीन बच्चों (प्रेम, गीता और नवीन) में एक हैं। शुक्रवार शाम को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा अनुमोदन के बाद पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची में उनके नाम की घोषणा की थी।