उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ दुर्गा पूजा आयोजन की अनुमति दे दी है। दुर्गा पूजा पंडाल अब खुले में धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें कोविड के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा, जैसे सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 15 अक्टूबर से सभी धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति दे दी गई है और इसमें 100 तक की संख्या का प्रतिबंध भी हटाया गया है। हालाँकि, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और बचाव के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। अगर दुर्गा पूजा बंद स्थान, हाल या कमरे में है तो उसकी कुल क्षमता के 50% जो कि अधिकतम 200 व्यक्तियों तक हो सकते हैं। पूजा के दौरान पंडाल में लोगों को कोरोना से बचाव के लिए फेस मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर साथ में रखना बेहद जरूरी है।
वहीं पंडाल सजाने की अनुमति मिलने पर जानकीपुरम इलाके में एक दुर्गा पूजा समिति के सदस्य आनंद बनर्जी ने कहा, “हमने गुरुवार की पूरी रात दुर्गा पूजा समारोहों की योजना तैयार करने में बिताई, क्योंकि हमारे पास 15 दिनों से भी कम समय है। हम दुर्गा पूजा समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री के आभारी हैं।” यहीं नहीं और भी कई दुर्गा पूजा पंडाल कमेटी ने योगी सरकार को धन्यवाद दिया है।
गौरतलब है कि अनलॉक 5 में सरकार की तरफ से कई प्रकार की छूट दी गई है। कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों को अधिकतम 100 व्यक्तियों के लिए शुरू किए जाने की अनुमति पूर्व में ही दी जा चुकी है।
गृह मंत्रालय की गाइडलाइन
सिनेमा/थिएटर/मल्टीप्लेक्स में उनकी बैठक क्षमता से 50% तक दर्शक को आने की अनुमति होगी। इसके लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय एसओपी जारी करेगा।
बिजनेस टू बिजनेस (बी 2 बी) एग्जिबिशंस लगाई जा सकेंगी। इनके लिए वाणिज्य विभाग एसओपी जारी करेगा। खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए उपयोग होने वाले स्विमिंग पूल को खोलने की अनुमति होगी, जिनके लिए खेल मंत्रालय एसओपी जारी करेगा।
अम्यूजमेंट पार्क और इसी तरह के स्थानों को खोलने की भी अनुमति होगी और इन सभी के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एसओपी जारी करेगा।
स्कूल, कॉलेज, शिक्षा संस्थान और कोचिंग संस्थान को चरणबद्ध तरीके से खोलने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को फ्लेक्जिबिलिटी दी गई है और वे स्थितियों को देखते हुए 15 अक्टूबर 2020 के बाद इन्हें फिर से खोलने के लिए निर्णय ले सकेंगे। हालाँकि, इसके लिए सरकारें स्कूलों/संस्थान प्रबंधनों के साथ परामर्श करेंगी और दी गई शर्तों का पालन करेंगी।
ऑनलाइन एजुकेशन/डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगा और इसे लगातार प्रोत्साहित किया जाएगा।
जो स्कूल ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं और उनके कुछ छात्र शारीरिक रूप से स्कूल में उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन ही पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी।
छात्रों की स्कूलों में उपस्थिति अभिभावकों की लिखित सहमति से ही लागू होगी। इनके लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली SOP के आधार पर स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी-अपनी SOP तैयार करेंगे।