Sunday, December 22, 2024
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पुलिस जब खोज में उतरी तो निज़ामुद्दीन के मौलाना साद को याद आए डॉक्टर, कहा उनकी बात मानें लोग

नए ऑडियो में मौलाना अपने पहले वाले बयान से उलट एक अलग बयान दे रहा है। ऑडियो में वो लोगों से कहते सुना जा सकता है कि डॉक्टरों की सलाह मानने में कोई बुराई नहीं है। ये इस्लाम के ख़िलाफ़ नहीं है।

दिल्ली के मरकज़ में देश-विदेश के लोगों को इकट्ठा करके उन्हें मस्जिदों को आबाद करने की बात सिखाने वाले मौलाना साद का नया ऑडियो आ गया है। इस ऑडियो में वो अपने पहले वाले बयान से उलट एक अलग बयान दे रहा है। ऑडियो में वो अपने समर्थकों से कहते सुना जा सकता है कि डॉक्टरों की सलाह मानने में कोई बुराई नहीं है। ये इस्लाम के ख़िलाफ़ नहीं है। वीडियो को आज ही थोड़ी देर पहले दिल्ली मरकज़ के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है।

इस नए ऑडियो में मौलाना साद न केवल डॉक्टर की हिदायत पर अमल करने के लिए उसे शरीयत के अनुकूल बताता है बल्कि ये भी कहता है कि ऐसा करना इस्लाम का बुनियादी उसूल है। उसे इस ऑडियो में एहितयात बरतने की बात पर जोर देते भी सुना जा सकता है। कोरोना को लेकर लापरवाही करने की बात को भी साद यहाँ उठाता है और कहता है कि बीमारी में एहतियात न बरतना कोई अकलमंदी की बात नहीं है।

बता दें कि इससे पहले बुधवार को साद मुहम्मद ने जमात की इंतजामिया कमिटी के सदस्यों को अपनी ऑडियो क्लिप भेजी थी। करीब एक मिनट की इस क्लिप में साद मुहम्मद ये कह रहा है कि वह डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली में ही क्वारंटाइन हो गया है और जमात के सभी सदस्यों से ये अपील करता है कि देश में जहाँ कहीं भी हों, कानून का पालन करें एवं अपने घरों में रहे।

उल्लेखनीय है कि निजामुद्दीन की मरकज से पर्दा उठने के बाद दिल्ली पुलिस ने साद समेत कुछ लोगों पर कानूनी एक्शन लिया था। मगर कल सुबह खबर आई कि वो फरार हो गया, जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। इसके बाद ऑडियो जारी करके उसने सूचना दी कि वो क्वारंटाइन हो रखा है। अब सवाल उठता है कि वो है कहाँ? तो बता दें साद ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों लोगों को जुटाने का आरोपित साद मुहम्मद दिल्ली में ही किसी रिश्तेदार के यहाँ क्वारंटाइन है।

याद दिला दें कि इससे पहले मरकज प्रमुख का एक ऑडियो और वायरल हुआ था। ऑडियो में उसे कहता उक्त बातों से बिलकुल उलट कहते सुना जा रहा था। पहली विडियो में वो कह रहा था – ये मौका मस्जिदों को आबाद करने का है। इन बातों का नहीं कि मस्जिदों को छोड़ दो, क्योंकि हालात सही नहीं है… जिनकी अक्लों पर दूसरों का पहरा होता है, वे ऐसे मशवरे देते हैं। मौलाना साद ये भी कहता है कि इस परेशानी से लड़ने के लिए अल्लाह का आजाब हटाने के लिए घर में मत बैठो, औरतों को, बच्चों को, जानवरों को, बकरियों को, बैलों को, भैंसों को, ऊँटों सबको मैदान में ले आओ… और अल्लाह की मदद से इस आजाब को हटाओ।

कौन है मौहम्मद साद?

मौलाना साद का पूरा नाम मौलाना मुहम्मद साद कंधलावी है। वह भारतीय उपमहाद्वीप में सुन्नी समुदाय के सबसे बड़े संगठन तबलीगी जमात के संस्थापक मुहम्मद इलियास कंधलावी का पड़पोता हैा। वो जमात का मुखिया बनने से लेकर पैगंबर मुहम्मद के बयान के ख़िलाफ़ दिए बयान के कारण विवादों में रहा है। 2017 की फरवरी महीने में दारुल उलूम देवबंद ने तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को फतवा जारी कर कहा कि साद कुरान और सुन्ना की गलत व्याख्या करते हैं। देवबंद का यह फतवा मौलाना साद के भोपाल सम्मेलन में दिए गए बयान के बाद आया था, जिसमें उसने कहा कि (निजामुद्दीन) मरकज मक्का और मदीना के बाद दुनिया का सबसे पवित्र स्थल है। इसे दारुल उलूम के मौलाना ने पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ बताया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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