पंजाब के कथित किसान प्रदर्शनकारियों से अपने कर्मचारियों की सुरक्षा की गुहार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने लगाई है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को बताया है कि उसके 13 टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर रखा है। वे वसूली कर रहे हैं। इससे रोजाना करीब 1.33 करोड़ रुपए का नुकसान होने की बात कही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने अमृतसर, जालंधर, फिरोजपुर, तरनतारन, होशियारपुर, पठानकोट, कपूरथला और बरनाला के टोल प्लाजों को बंद करवा रखा है। याचिका में NHAI ने कहा है कि कई जगहों पर प्रदर्शनकारी आने-जाने वालों से अवैध वसूली कर रहे हैं। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई फायदा होने की बात कही है। इसके चलते याचिका में NHAI ने पंजाब के DGP सहित 8 जिलों कमिश्नरों को भी प्रतिवादी बनाया है।
याचिका में NHAI ने इस प्रदर्शन से हो रहे नुकसान का भी आँकड़ा पेश किया है। प्राधिकरण के मुताबिक 17 दिसम्बर 2022 से 4 जनवरी 2023 तक 13 टोल प्लाजा बंद होने के कारण उसे लगभग 26 करोड़ 60 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। विरोध प्रदर्शन के चलते उसे हर दिन 1.33 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। NHAI की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल पेश हुए। प्राधिकरण ने आर्थिक नुकसान रोकने और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय से दखल की अपील की।
सुनवाई के दौरान जस्टिस विनोद भारद्वाज ने इसे जनहित का बड़ा और गंभीर मुद्दा माना है। उन्होंने कहा कि अपनी माँगों को मनवाने के लिए अब रेल मार्ग, सड़क मार्ग और टोल को रोकना एक चलन जैसा बन गया है। इसे व्यापक जनहित का मसला बताते हुए उन्होंने याचिका इसे मुख्य न्यायाधीश की अदालत में रेफर कर दिया।
गौरतलब है कि यह धरना किसान संघर्ष कमेटी के बैनर तले चल रहा है। विरोध की वजह बताते हुए कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि पंजाब सरकार ने फसलों का नुकसान होने पर 17 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने का ऐलान किया था। लेकिन अब वह इससे पीछे हट रही है। उन्होंने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है।