मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट ने मालेगाँव ब्लास्ट के आरोपियों के ख़िलाफ़ नाराज़गी जताई है। दरअसल, कोर्ट की यह नाराज़गी आरोपितों के कोर्ट में उपस्थित न होने के लिए थी। पिछले काफ़ी समय से आरोपित कोर्ट में लगातार अनुपस्थित रहे हैं इसलिए कोर्ट ने सभी आरोपितों को सुनवाई के दौरान सप्ताह में एक बार कोर्ट रूम में हाज़िरी लगाने का निर्देश दिया है। इनमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के अलावा अन्य मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी के नाम शामिल हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 मई को होगी।
Special NIA court in Mumbai directs all accused of Malegaon 2008 blast case to remain present before the court atleast once a week.Accused include Pragya Thakur, Lt Col Prasad Purohit and others.Court expressed displeasure over their absence in courtroom. Next hearing on May 20 pic.twitter.com/CSqSPX0zyy
— ANI (@ANI) May 17, 2019
ख़बर के अनुसार, पिछले साल सितंबर में कर्नल पुरोहित पर आरोप तय करने पर स्टे की माँग ख़ारिज कर दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की बेंच ने मालेगाँव ब्लास्ट मामले की SIT से जाँच कराने की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि वो अपनी इस याचिका को ट्रायल कोर्ट में ही दाखिल करें।
जानकारी के अनुसार, इससे पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा चुनाव लड़ने के ख़िलाफ़ भी एनआईए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने संबंधी याचिका को ख़ारिज कर दिया था। इस याचिका पर कोर्ट ने फ़ैसला लिया था कि वर्तमान में किसी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की ताक़त हमारे पास नहीं है। किसे चुनाव लड़ना है और किसे नहीं, इस बात का निर्णय निर्वाचन आयोग करेगा। ऐसी सूरत में मालेगाँव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई जा सकती, इसलिए कोर्ट इस याचिका को ख़ारिज करती है।
बता दें कि 29 सितंबर 2008 में मालेगाँव की एक मस्जिद में एक मोटरसाइकल में धमाका हुआ था। इस दौरान क़रीब 6 लोगों ने अपनी जान गँवाई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे।