राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पदाधिकारी रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार (नवंबर 15, 2019) को एक ब्रिटिश नागरिक समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया। इसके साथ ही एजेंसी की तरफ से अदालत में एक एप्लीकेशन डाली गई है, जिसमें केस से चार आरोपितों के नाम हटाने के लिए कहा गया है। जाँच एजेंसी का कहना है कि चारों आरोपितों- अमित अरोड़ा, मनु कुमार, भारती संधु और समीर डिसूजा की इस केस में कोई भूमिका सामने नहीं आई है। अदालत मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को करेगी।
बता दें कि जाँच के दौरान यह पाया गया कि गगनेजा को खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा रची गई ट्रांस-नेशनल साजिश के हिस्से के रूप में मार दिया गया था। ये सभी व्यक्ति विशिष्ट समुदायों और संगठनों से संबंधित थे। इस साजिश का उद्देश्य पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति को अस्थिर करना और राज्य में आतंकवाद को पुनर्जीवित करना था।
एनआईए ने जिन 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है, उसमें हरदीप सिंह शेरा, पहाड़ सिंह, मलूक सिंह, रमनदीप सिंह, जगतार सिंह, गुरशरणबीर सिंह वहिवाल और हरमीत सिंह का नाम शामिल है। इसमें हरदीप सिंह मुख्य आरोपित है। इसके साथ ही हरमीत सिंह के पाकिस्तान से इस साजिश का संचालन करने का अंदेशा जताया जा रहा है। इन आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 120-B, 34 और 379 के साथ ही गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम (UAPA) के सेक्शन 16, 17, 18, 18-A, 18-B और 20 के तहत चार्जशीट दायर किया गया है। इसके अलावा आर्म्स एक्ट के सेक्शन 25 और 27 के सहत भी चार्जशीट दाखिल किया गया है।
एनआइए ने दावा किया है कि गगनेजा की हत्या की साजिश पाकिस्तान, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली व यूएई सहित कई देशों में रची गई। साजिश के तहत अपराधियों को इटली, ऑस्ट्रेलिया व यूके से फंडिंग की गई थी। यह फंड हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हथियार खरीदने व अन्य सामान खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया।
गौरतलब है कि गगनेजा की अगस्त 2016 में जालंधर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या खालिस्तान समर्थक समूहों द्वारा राज्य में आरएसएस के नेताओं को खत्म करने के लिए टारगेट किलिंग की साजिश का एक हिस्सा थी। यह मामला एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसके बाद उसने इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।