दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज से निकल देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुॅंचे लोगों की तलाश की जा रही है। इसी कड़ी में पता चला है कि छत्तीसगढ़ से भी 100 से ज्यादा लोग जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। राज्य सरकार ने इनकी पहचान कर लिए जाने का दावा किया है। इनमें 32 को क्वारंटाइन और 69 को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
ऐसे आठ लोग मरकज से निकलकर भिलाई के सुपेला स्थित नूर मस्जिद में छिपे थे। ये सात मार्च को भिलाई पहुॅंचे थे। जानकारी मिलने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुॅंची तो इनलोगों ने हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई और सभी लोगों को क्वारंटाइन सेंटर ले गई। मस्जिद में छिपे लोगों में चार महिलाएँ थी।
खबरों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ जब पुलिस मौके पर पहुँची तो सभी लोग मस्जिद में मौजूद थे। पूछताछ के दौरान इन्होंने गुमराह करने की कोशिश की। पहले बताया कि 3-4 फरवरी को निजामुद्दीन में हुई जमात में शामिल हुए थे। बाद में कहा कि 12 फरवरी को उसमें गए थे। साथ ही कहा कि हमने खुद को सेल्फ क्वारंटाइन किया था। इनकी पहचान शेख मेहर, शेख अताउद्दीन, मीर समजद अली, इस्माइल शेख, अनसुरा बीबी, आसमा बीबी, अंजू बीबी और खुदने बीबी के रूप में हुई है। ये सभी पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के हैं।
इधर, बिलासपुर की जामा मस्जिद में नौ विदेशी मिले हैं जो खाड़ी देश से आए थे। सभी को आइसोलेशन में रखा गया है। उनके सैंपल जाँच के लिए एकत्र किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इन मामलों की जानकारी देते हुए बताया कि बालोद से 15, बिलासपुर से एक और अंबिकापुर से 5 लोगों के बारे में जानकारी मिली है। अब इन्हें ढूँढकर इनकी जाँच करवाने की प्रक्रिया जारी है। उल्लेखनीय है कि भिलाई मामले में जैसे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को लोगों का विरोध झेलना पड़ा, उसी प्रकार का विरोध निजामुद्दीन में पुलिस प्रशासन को झेलना पड़ा था और संदिग्धों को अस्पताल ले जाने आई एंबुलेंस को लौटना पड़ा था।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित 8 मामले अब तक सामने आए हैं। इनमें सबसे अधिक राजधानी रायपुर में 4 व राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा में एक-एक पॉजिटिव मिले हैं।