श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के मुखिया नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया है कि श्रीराम मंदिर में कोई भी डिजाइन सम्बन्धी समस्या नहीं है। उन्होंने बताया है कि मंदिर में जल निकासी समेत बारिश का पानी आने समेत सभी चीजों पर पहले ही विचार कर लिया गया था। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में पानी की निकासी ना बनाए जाने को लेकर गलत बताया है।
नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया, “मैं अयोध्या में हूँ। मैंने मंदिर की पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते देखा। ऐसा पहले से अनुमानित था क्योंकि गुरु मंडप अभी आखुले आकाश में हैं और मंदिर के शिखर के पूरा होने से यह खुलापन बंद हो जाएगा। मैंने निकास से कुछ रिसाव भी देखा है क्योंकि पहली मंजिल पर काम चल पर है। काम पूरा होने पर, यह निकास बंद कर दिया जाएगा।”
नृपेन्द्र मिश्रा ने श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में जल निकासी ना बनाए जाने को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “गर्भगृह में कोई जल निकासी व्यवस्था नहीं है क्योंकि सभी मंडपों में पानी की निकासी के लिए ढलान माप कर बनाई गई है, इसके अलावा गर्भगृह के पानी हाथों से निकाला जाता है।”
In a statement to ANI, Sri Ram Mandir Construction Committee Chairman, Nripendra Mishra speaks on the alleged water leakage at the Shri Ram Temple; and says, "I am in Ayodhya. I saw the rainwater dropping from the first floor. This is expected because Guru Mandap is exposed to… pic.twitter.com/nwY9qGXTJ9
— ANI (@ANI) June 24, 2024
उन्होंने आगे बताया, “इसके अलावा, भक्त अभी श्रीराम पर अभिषेक नहीं कर रहे हैं। गर्भगृह में कोई डिज़ाइन या निर्माण सम्बन्धी समस्या नहीं है। जो मंडप खुले हैं उनमें बारिश की बूंदें गिर सकती हैं, इस पर बनाने के पहले बहस हुई थी लेकिन बाद में फैसला लिया गया कि उन्हें नागर शैली के अनुसार खुला रखा जाए।”
हाल ही में यह दावा किया गया था कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में जल निकासी की व्यवस्था ही नहीं की गई है। दावा किया गया था कि इस कारण से प्रभु श्रीराम के अभिषेक के बाद जमीन पर पानी इकट्ठा हो रहा और निकल नहीं रहा है। इससे ही मिलता जुलता दावा राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास ने भी किया था। हालाँकि, अब निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्रा ने साफ़ कर दिया है कि ऐसी कोई समस्या नहीं है।
अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो कम्पनी कर रही है। अभी श्रीराम मंदिर का कुछ काम बाकी है। आशा है कि मार्च, 2025 तक यह काम पूरा हो जाएगा। मंदिर निर्माण समिति के मुखिया नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया है कि 22 जनवरी, 2024 को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक 1.75 करोड़ श्रृद्धालु यहाँ दर्शन कर चुके हैं।