तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार (20 अगस्त, 2020) विनायक चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) के त्यौहार पर कड़ा रुख अपनाते हुए नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों के बजाय अपने घरों में पूजा करने की सलाह दी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु सरकार ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन का हवाला देते हुए 22 अगस्त को विनायक चतुर्थी पर सार्वजनिक जगहों पर भगवान गणेश की प्रतिमाओं को स्थापित करने और जुलूस-रैलियाँ निकालने के साथ-साथ समुद्र और अन्य जलाशयों में प्रतिमाओं के विसर्जन पर भी रोक लगा दी है।
गणेश चतुर्थी के त्यौहार को लेकर वहाँ के लोगों ने मूर्तियों की स्थापना के लिए अनुमति माँगते हुए मद्रास उच्च न्यायालय में कई जनहित याचिका दायर की थी। जिसको लेकर कोर्ट ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया कि जनता को इस संबंध में सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए।
इसके अलावा तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा वायरल संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश भर में धार्मिक त्योहारों और समारोहों पर रोक लगा दी गई है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एल मुरुगन और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पलानीस्वामी से उनके आवास पर मुलाकात कर उनसे इस वर्ष विनायक मूर्तियों की स्थापना की अनुमति देने का अनुरोध किया था। हालाँकि, सरकार ने अपने द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर दृढ़ रहते हुए उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।