भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। चेक बाउंस मामले में छपरा की एक कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया है। आरोप है कि खेसारी लाल यादव ने अपनी पत्नी चंदा देवी के नाम जमीन खरीदी थी। इसके भुगतान के लिए उन्होंने चेक दिया था, जो कि बाउंस हो गया था। इस मामले में खेसारी अंतरिम जमानत पर थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले की सुनवाई करते हुए छपरा के न्यायिक दंडाधिकारी प्रियांशु शर्मा ने शत्रुघ्न कुमार उर्फ खेसारी लाल यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। चेक बाउंस के इस मामले में खेसारी ने अंतरिम जमानत ले ली थी। लेकिन सुनवाई की डेट जारी होने के बाद भी वह कोर्ट नहीं आ रहे थे। ऐसे में कोर्ट ने खेसारी की अंतरिम जमानत भी रद्द कर दी।
4 साल पुराना है मामला
रसूलपुर थाना क्षेत्र के असहनी गाँव में खेसारी लाल यादव ने अपनी पत्नी चंदा देवी के नाम से मृत्युंजय नाथ पांडे से जमीन खरीदी थी। जमीन का यह सौदा 22 लाख 7 हजार रुपए में तय हुआ था। इसके बाद 4 जून 2019 को जमीन की रजिस्ट्री हुई थी। इस जमीन की कीमत के रूप में खेसारी ने मृत्युंजय को 18 लाख रुपए का चेक दिया था। यह चेक उन्होंने 20 जून 2019 को अपने खाते में जमा किया था। हालाँकि, 4 दिन बाद ही यानी 24 जून को बैंक ने चेक वापस कर दिया। इसके बाद 27 जून को चेक बाउंस हो गया।
इस मामले में मृत्युंजय का कहना है कि उन्होंने खेसारी लाल यादव से बात की थी। लेकिन विवाद बढ़ने की स्थिति में कानून का सहारा लेते हुए 16 अगस्त, 2019 को FIR दर्ज कराई थी। इस मामले की जाँच करते हुए पुलिस ने 22 अगस्त, 2020 को चार्जशीट दायर की। इसमें खेसारी लाल पर धारा 406, 138 NI एक्ट के तहत आरोप लगाए गए थे। चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने 22 जनवरी, 2021 को खेसारी लाल यादव के खिलाफ समन जारी किया था। इसके बाद 25 फरवरी 2021 को जमानती वारंट जारी किया।
हालाँकि, कोर्ट की डेट देने के बाद भी पेश न होने पर दिसंबर 2021 में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। लेकिन तब खेसारी ने कोर्ट में पेश होकर 21 जनवरी, 2022 को जमानत ले ली थी। इसके बाद से वह कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं। ऐसे में कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करते हुए गैर-जमानती वॉरंट जारी किया है। ऐसे में खेसारी लाल यादव की गिरफ्तारी के कयास लगाए जा रहे हैं।