Friday, November 22, 2024
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गरीबों को कुछ भी फ्री में न बाँटा जाए, बदले में वो भी कुछ दें: Infosys के संस्थापक नारायणमूर्ति, कहा- चीन की नीतियों से सीखना जरूरी

टेक कम्पनी इनफ़ोसिस के संस्थापकों में से एक एन आर नारायणमूर्ति ने कहा है कि देश में कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अब भी कुछ फ्री में दिया जाए तो इसके बदले में सरकार लोगों से कुछ करवाए।

टेक कम्पनी इनफ़ोसिस (Infosys) के संस्थापकों में से एक एन आर नारायणमूर्ति ने कहा है कि देश में कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अब भी कुछ फ्री में दिया जाए तो इसके बदले में सरकार लोगों से कुछ करवाए। उन्होंने चीन की आर्थिक तरक्की का उदहारण भी दिया है।

नारायणमूर्ति ने हाल ही में युवाओं के 70 घंटे काम करने वाला बयान दिया था जिस पर सोशल मीडिया पर काफी बहस हुई थी। अब उन्होंने सरकारों द्वारा लोगों को मुफ्त चीजें बाँटने पर बात की है। उन्होंने यह बातें बेंगलुरु टेक समिट 2023 में निखिल कामथ से बातचीत में कही है।

नारायणमूर्ति ने कहा, “जब आप मुफ्त सुविधाएँ देते हैं। जब आप ऐसी सब्सिडी देते हैं, तो सरकार को लोगों से बदले में भी कुछ लेना चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि सरकार बिजली देना चाहती है तो उसे लोगों से कहना चाहिए कि हम तभी यह बिजली तभी देंगे जब प्राथिमक और माध्यमिक विद्यालयों में 20% उपस्थिति बढ़ेगी।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं मुफ्त सुविधाओं के विरोध में नहीं हूँ। मैं भी समझता हूँ क्योंकि मैं गरीब परिवार से आता हूँ। लेकिन हमें इनके बदले में उन लोगों से कुछ चीजों की आशा करनी चाहिए जैसे कि वह अपनी, अपने बच्चों की और अपने से बड़े लोगों की जिन्दगी बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए।”

नारायणमूर्ति ने यह भी कहा,

“हमारे नेताओं को चीन की नीतियों को बहुत बारीकी से पढ़ना चाहिए। चीन के साथ भी हमारी जैसी ही बहुत सी समस्याएँ थी लेकिन उसकी जीडीपी अब हमसे पाँच-छः गुना बड़ी है। इसलिए मैं अपने नेताओं से यह विनती करूँगा कि चीन को बारीकी से समझें और देखें कि क्या अच्छी चीजें हम अपने यहाँ लागू कर सकते है, जिससे भारत भी चीन के जैसी ही तरक्की करे और अपने लोगों की गरीबी को घटाने में सफल हो।”

उनका कहना है कि दयावान पूंजीवाद ही भारत में सफल हो सकता है। नारायणमूर्ति ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में हुई तरक्की की भी तारीफ़ की है। वह इससे पहले कॉन्ग्रेस सरकार की आलोचना भी कर चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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