उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चोरी की गाड़ियों काटने के लिए कुख्यात मेरठ जिले के सोतीगंज मार्केट को बंद करा दिया। इस बाजार में दिल्ली-एनसीआर और देश के अन्य हिस्सों से चोरी की गई कारों को लाया और काट दिया जाता था और उसके कल-पुर्जों को बेच दिया जाता है। पुलिस ने यह कार्रवाई इस तरह के अवैध काम करने वाले दो सरगनाओं- हाजी इकबाल और हाजी गल्ला की पहचान पर उस पर कार्रवाई के बाद की है। प्रशासन ने इन दोनों माफियों पर कार्रवाई करते हुए करोड़ों की सम्पत्ति कुर्क की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चोरी की कारों को स्क्रैप करने का यह अवैध कारोबार यहाँ 1990 के दशक में शुरू हुआ था। शुरुआत में यहाँ सिर्फ कबाड़ की दुकानें थीं, लेकिन समय के साथ यहाँ घरों के अंदर गोदाम बनते गए और शुरू हो गया चोरी की कारों का बाजार। इस बाजार में अब 300 से अधिक दुकानें हैं, जहाँ 1,000 से अधिक लोग काम करते हैं। व्यापारियों का कहना है कि वहाँ के एसएचओ ने अगले आदेश तक सभी दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया है। यूपी पुलिस ने यह कार्रवाई रविवार (12 दिसंबर 2021) को की।
इस मामले में मेरठ जिले के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा, “हमने बाजार में 100 दुकानों की पहचान की है, जो अवैध व्यापार में शामिल हैं। जब तक वे स्टॉक विवरण जमा नहीं करते, हम उन तक किसी भी सामान को पहुँचने ही नहीं देंगे।”
पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था भंग ना पहुँचे इसके लिए प्रशासन ने कई कदम उठाएँ हैं। इसी के तहत रविवार को दोपहर में 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने इलाके में फ्लैग मार्च किया और शांति भंग करने की कोशिश करने वालों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी।
सोतीगंज के प्रमुख कबाड़ी
सोतीगंज के प्रमुख कबाड़ियों में हाजी गल्ला, हाजी इकबाल, हाजी आफताब, मुस्ताक, मन्नू उर्फ मईनुद़्दीन, हाजी मोहसिन, सलमान उर्फ शेर, राहुल काला, सलाउद्दीन आदि शामिल हैं। इन कबाड़ियों के खिलाफ 2,500 से अधिक केस दर्ज हैं। इसमें से 37 कबाड़ी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हैं।