जम्मू-कश्मीर के डोडा (Doda, Jammu-Kashmir) क्षेत्र के एक और हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। यह मंदिर महादेव का है, जिसे स्थानीय लोग ‘छोटा मणि महेश’ के नाम से जानते हैं। घटना से नाराज लोगों ने प्रशासन से आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। बताया जा रहा है कि ये घटना 14-15 जुलाई की रात की है। पुलिस ने FIR दर्ज कर अज्ञात आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।
Hindu Temples are being vandalized by some mischievous elements in Jammu & Kashmir.
— PRAHAAR ARMY 🇮🇳 (@prahaar21) July 14, 2022
Another video, Hindu temple vandalized in Marmat, Doda of Jammu division.
Request to @manojsinha_ @DistrictDoda @dpododa @ZPHQJammu
Kindly take strict action.@dodadiaries @JmuKmrPolice pic.twitter.com/uXQk4h8RGD
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना मरमट क्षेत्र की है। तोड़ा गया मंदिर सड़क से लगभग 10 किलोमीटर अंदर है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फोटो में भगवान शिव की मूर्ति को खंडित करने का प्रयास किया गया है। मूर्ति के हाथों और पैरों को तोड़ा गया है। मंदिर में अन्य सामान बिखरे दिखाई दिए।
घटना के विरोध में हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शन किया और उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार के पुतले जलाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा, “2-3 महीनों के ही अंदर 8 से ज्यादा मंदिर जम्मू-कश्मीर के अंदर तोड़े गए। सभी को पता है कि ये मंदिर हमारे आस्था के केंद्र बिंदु हैं। अभी तक किसी भी मंदिर तोड़ने वाले को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। हिन्दुओं में आक्रोश है। केंद्र शासित सरकार हमें उग्र प्रदर्शन करने के लिए मजबूर न करे। अगर मंदिर तोड़ने वालों की गिरफ्तारियाँ नहीं हुईं तो प्रदर्शन उप-राज्यपाल भवन पर होगा।”
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में जम्मू के कई मंदिरों में मूर्तियों को तोड़ने के मामले सामने आए हैं। इसी माह 8 अप्रैल में सिद्धड़़ा क्षेत्र में आने वाले लक्ष्मी नारायण मंदिर की मूर्तियों को नुकसान पहुँचाया गया था। 5 मई 2022 में डोडा के ही वासुकी मंदिर में तोडफोड़ की गई थी। इस घटना के विरोध में हिन्दू संगठनों ने उग्र प्रदर्शन किया था तब प्रशासन ने आरोपितों को जल्द से जल्द पकड़ने का भरोसा दिया था।
इसी 11 जुलाई को जम्मू के कठुआ में एक हनुमान मंदिर में तोड़फोड़ की थी। इस घटना की जाँच के लिए पुलिस ने SIT का भी गठन किया था। हिन्दू संगठनों का आरोप है कि उपरोक्त मामलों में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर पाई है और यदि यही घटना किसी और वर्ग से जुड़ी होती तो अब तक प्रशासन सक्रिय होता।