दिल्ली के शराब नीति घोटाला केस में सीबीआई ने कोर्ट से बताया है कि अरविंद केजरीवाल को छोड़कर केस से जुड़े अन्य सभी आरोपितों की भूमिका की जाँच पूरी हो चुकी है। सीबीआई ने कहा कि अब केवल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जाँच की जा रही है। सीबीआई के वकील एडवोकेट डीपी सिंह ने आगे कहा कि हम 4 जून के बाद हुए कुछ नए घटनाक्रमों के बारे में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देंगे, जिसके कारण हमें अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने कहा है कि सिर्फ केजरीवाल की भूमिका और जाँच की जा रही है, जबकि बाकी आरोपितों के खिलाफ जाँच लगभग पूरी हो चुकी है। सीबीआई ने आगे स्पष्ट किया कि सॉलिसिटर जनरल द्वारा पहले दिया गया बयान केजरीवाल को छोड़कर मामले में गिरफ्तार सभी आरोपितों से संबंधित था। इससे पहले 4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया था कि जाँच जल्द पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा था कि अंतिम शिकायत और चार्जशीट जल्द से जल्द और किसी भी स्थिति में 3 जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर किया जाएगा और उसके तुरंत बाद ट्रायल कोर्ट मुकदमे की कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होगा।
इन दलीलों के मद्देनजर और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि इस न्यायालय द्वारा 30 अक्टूबर, 2023 के आदेश द्वारा निर्धारित “6-8 महीने” की अवधि खत्म नहीं हुई है, इन याचिकाओं का निपटारा करना पर्याप्त होगा। साथ ही याचिकाकर्ता को सॉलिसिटर जनरल द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार आखिरी एफआईआर/चार्जशीट दाखिल करने के बाद अपनी प्रार्थना को नए सिरे से रिवाइव करने की स्वतंत्रता दी जाएगी।
सिसोदिया और कविता के वकीलों ने सीबीआई पर गुमराह करने का लगाया आरोप
मनीष सिसोदिया और के. कविता के वकीलों ने शनिवार को आरोप लगाया कि सीबीआई बयानों को गलत तरीके से गढ़ रही है और गुमराह कर रही है। 22 मार्च को अदालत द्वारा पारित न्यायिक आदेश में कहा गया था कि जाँच पूरी हो चुकी है। सीबीआई ने अदालत के समक्ष गलत तरीके से कहा कि जाँच पूरी हो चुकी है। स्थिति यह है कि दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट इसके विपरीत है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने शनिवार (6 जुलाई 2024) को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपितों की न्यायिक हिरासत 15 जुलाई 2024 तक बढ़ा दी। हालाँकि, कोर्ट ने बीआरएस नेता के कविता के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के पहलू पर भी अपनी सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने आरोपपत्र के कुछ पन्नों पर गलत पेज नंबर लिखे होने के बाद मामले की सुनवाई 8 जुलाई 2024 तक टाल दी।