अयोध्या में कल यानी 5 अगस्त को होने जा रहे राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में बेहद चुनिंदा लोगों को ही निमंत्रण मिला है। इन चुनिंदा लोगों में से ही एक नाम मोहम्मद शरीफ का है। शरीफ का इस निमंत्रण को पाकर कहना है, “अगर मेरी तबीयत ने इजाजत दी तो मैं जरूर जाऊँगा।”
बता दें, शरीफ वही व्यक्ति हैं जिन्हें नरेंद्र मोदी सरकार ने पद्मश्री से नवाजा था। शरीफ अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस शवों का सम्पूर्ण रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर चुके हैं।
Ayodhya: Mohammad Sharif who is known for cremating over 25,000 unclaimed bodies has been invited for the foundation stone laying ceremony of the Ram Temple on August 5. He says,”If my health permits I will go.” pic.twitter.com/HTWRZSgQSa
— ANI UP (@ANINewsUP) August 4, 2020
शरीफ की उम्र 80 वर्ष है। उनके चार बेटे थे। लेकिन दो की अब मौत हो चुकी है। उनमे से एक नाम मो रईस का भी है। रईस किसी काम के चलते 28 साल पहले सुल्तानपुर गए थे। वहीं से लापता हो गए। इसके बाद अयोध्या में विवादित ढाँचा गिरा दिया गया। जब सांप्रदायिक दंगे भड़के तो वह भी उसका शिकार हो गए।
इसी घटना ने मो शरीफ की जिंदगी बदल दी। जब उन्हें पता चला कि उनके बेटे के शव का अंतिम संस्कार लावारिस समझकर हुआ को उन्होंने जिले में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठा ली। उन्होंने आर्थिक तंगी झेलते हुए भी यह काम जारी रखा। अब लोग उन्हें इस काम के लिए चंदा भी देते हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद शरीफ कहते हैं, “मैंने कभी हिंदू-मुस्लिम या किसी भी धर्म में भेद नहीं किया। इसलिए राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने से कोई परहेज नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझ जैसे शख्स को पद्मश्री के लिए चयनित किया, यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। अब पीएम मोदी अयोध्या आ रहे हैं तो मेरी उनसे मिलने की तमन्ना है।”
मो शरीफ को लोग प्यार से शरीफ चचा भी कहते हैं। अपने काम को तवज्जो मिलता देख वह कहते हैं, “जब तक मुझमें जान है, मैं लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करता रहूँगा। इस सेवा से मुझे सुकून मिलता है। मैं 27 सालों से इस सेवा में जुटा हूँ। मीडिया ने बेहद लगाव रखा और इस सेवाभाव का प्रचार भी किया, लेकिन ऐसे काम को सबसे बड़ा सम्मान दिया मोदी सरकार ने। इसके पहले की सरकारों ने मेरे काम को कोई तवज्जो नहीं दी थी।”