बीते कुछ दिनों से कट्टरपंथी संगठन PFI के खिलाफ प्रशासन द्वारा चल रहे राष्ट्रव्यापी एक्शन के बाद संगठन के समर्थकों में काफी विरोध देखने के मिल रहा है। इसी क्रम में पुणे में कुछ आपत्तिजनक नारे लगने की खबरें सामने आई हैं। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर संगठन के लोगों द्वारा ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने तुरंत प्रभाव कार्रवाई करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। इसके साथ-साथ बिना अनुमति प्रदर्शन करने के आरोप में 60-70 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। नारों वाली घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
पुण्यात ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’, ‘नारे तकबीर, अल्लाह हू अकबर’ची घोषणाबाजी; जिल्हाधिकारी कार्यालयासमोरील धक्कादायक Videohttps://t.co/lcXXRMGOPD < येथे वाचा सविस्तर वृत्त#Pune #Pakistan pic.twitter.com/cwvNz2jKbl
— LoksattaLive (@LoksattaLive) September 24, 2022
वीडियो में ‘अल्लाह हु अकबर’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे भी सुनाई दे रहे हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपित की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान रियाज सैय्यद के रूप में हुई है। ध्यान दिला दें कि ये सब प्रदर्शन पीएफआई पर हो रही कानून कार्रवाई के कारण किए जा रहे हैं।
Maharashtra | Case registered against a man named Riyaz Sayyad along with 60-70 other PFI workers in Pune city for unlawful gathering to protest in front of District Collector office yesterday over NIA raids on PFI: Pune Police
— ANI (@ANI) September 24, 2022
प्रदर्शनकारियों में कई वाहनों को फूँक दिया
कट्टरपंथी संगठन के लोगों की गिरफ़्तारी पर भड़की हिंसा के बाद कई जगहों पर वाहनों के साथ तोड़-फोड़ और आगजनी की खबरें सामने आने लगी। इसके अलावा कुछ इलाकों में तो पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। खबर ये भी आ रही है कि भाजपा कार्यालय और आरएसएस के दफ्तर पर भी बम फेंके गए हैं।
सबसे ज्यादा हिंसा की घटनाएँ केरल राज्य से सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि इस हिंसा के दौरान तिरुवनंतपुरम और कोट्टयम में बंद का समर्थन कर रहे PFI के उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की और सरकारी बसों, ऑटो-रिक्शा और एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं केरल के कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, कोझीकोड और वायनाड जिलों में भी वाहनों पर पथराव किया गया।
गौरतलब है कि इन हिंसक प्रदर्शनों के क्रम में उपद्रवियों ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया। वहाँ कुछ लोगों ने ऑफिस में पेट्रोल बम भी फेंके। इनके अलावा कन्नूर के मट्टनूर में दो लोगों द्वारा आरएसएस के ऑफिस पर पेट्रोल बम फेंकने की खबर आई है।
आरएसएस पर क्यों नहीं होती कार्रवाई
PFI के खिलाफ जाँच एजेंसियों की कार्रवाई पर प्रदर्शनकारियों द्वारा RSS को बदनाम करने की कोशिश किए जाने पर संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “इतिहास में कई बार सरकारों के द्वारा RSS पर भी प्रतिबंध लगाया, लेकिन इसके बावजूद संघ ने कभी भी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया।”
इंद्रेश कुमार ने कहा, “1948, 1975 या 1992 संघ ने हमेशा शांतिपूर्ण और संवैधानिक रूप से इसके खिलाफ विरोध किया।” उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा, “यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक दल PFI जैसे संगठनों पर डेटा एकत्र नहीं करते हैं, भारत सरकार उन संगठनों की आपराधिक गतिविधियों पर डेटा एकत्र करती है, जिनका उद्देश्य देश की एकता को नुकसान पहुँचाना है।”