जहाँ एक तरफ पूरे देश में दिवाली की छुट्टियाँ हैं और ख़ुशी का माहौल है, वहीं बिहार की राजधानी पटना में दिवाली के दौरान भी स्कूलों को खुला रखने का फरमान जारी हुआ है। खास बात ये है कि छठ, जो बिहार का सबसे बड़ा पर्व है और जिसे लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है – उस दौरान भी ये स्कूल खुले रहेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार ईद-बकरीद जैसे मौकों पर भी इस तरह के फरमान जारी कर सकती है? अगर ऐसा हो तो कितना ज़्यादा विरोध होगा?
पटना के DM चंद्रशेखर सिंह ने आदेश दिया है कि स्कूल खुले रखे जाएँ। सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिख कर कहा गया है कि 11 नवंबर से 21 नवंबर तक सभी नव नियुक्त शिक्षकों का इन विद्यालयों में पदस्थापन किया जाना है। वहीं 13 नवंबर से लेकर 21 नवंबर तक छठ की छुट्टियों की घोषणा की गई थी। इसके बावजूद इन स्कूलों को नव नियुक्त शिक्षकों की पदस्थापना के लिए खुला रखने का आदेश जारी किया गया है।
प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वो इस दौरान स्कूलों में खुद मौजूद रहें और प्रक्रिया को पूरा कराएँ। नए शिक्षकों का योगदान प्रधानाध्यापक द्वारा ही स्वीकृत किया जाता है। प्रिंसिपलों को कहा गया है कि ज़रूरत पड़ने पर वो अपने किसी सहयोगी शिक्षक की सहायता ले सकते हैं। पहले जाँच की जाएगी कि क्या ये शिक्षक वही हैं जिन्होंने BPSC की परीक्षा पास की थी, जिनकी काउंसिलिंग हुई, जिन्हें औपबंधिक पत्र दिया गया।
पटाखों का नहीं करें प्रयोग, ग्रीन दिवाली मनाएं: डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डी.एम. पटना ।
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) November 9, 2023
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पटना के जिला पदाधिकारी ने एक वीडियो जारी कर के दिवाली पर पटाखा ने उड़ाने की भी अपील की है। उन्होंने कहा है कि लोगों को ग्रीन दिवाली मनानी चाहिए। वहीं दिवाली-छठ के दौरान ही नए शिक्षकों का स्कूलों में प्रशिक्षण भी होगा। कक्षा संचालन, मध्याह्न भोजन योजना और पाठ्यक्रम को लेकर उन्हें जानकारी दी जाएगी। इनमें प्रखंड स्तर के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। सुबह साढ़े 9 से साढ़े 12 तक और दोपहर डेढ़ बजे से 4 बजे तक प्रशिक्षण चलेगा। नए शिक्षकों को किसी संघ का हिस्सा न बनने की सलाह भी दी गई है।