PFI ने भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए कुछ प्रभावशाली लोगों की एक ‘हिट लिस्ट’ बना रखी थी। लोगों को आतंकित करने के लिए एक खास साजिश रची गई थी। हालाँकि, NIA (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) अधिकारियों को ऊपर से निर्देश आया है कि इस ‘हिट लिस्ट’ को सार्वजनिक न किया जाए। हालाँकि, इसे बंद लिफाफे में अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है। अगर इसके विवरण सार्वजनिक किए जाते हैं तो इससे देश का सामाजिक माहौल बिगड़ने की आशंका है।
NIA ने केरल की अदालत को बताया है कि PFI ने किन-किन प्रभावशाली लोगों की हत्या की साजिश रची थी, इसकी तह में जाना आवश्यक है। इसके बाद कोर्ट ने 11 आरोपितों को NIA की रिमांड में भेज दिया है। कोच्चि में इन सभी 11 आरोपितों से पूछताछ की जाएगी। राज्य से बाहर कहाँ-कहाँ इन्होंने गुप्त बैठकों में हिस्सा लिया था, वहाँ ले जाकर भी इनसे पूछताछ होगी। सबूत जुटाने के लिए जाँच एजेंसी ऐसा करने वाली है।
NIA ने कोर्ट को बताया है कि जिनकी हत्याओं की PFI ने साजिश रची थी, वो सभी दूसरे धर्मों के हैं। कई ऐसे दस्तावेज जब्त हुए हैं, जिससे पता चलता है कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ने देश के माहौल और समाजिक-राजनीतिक ताने-बाने को बिगाड़ने की पूरी तैयारी कर रखी थी। देश की संप्रभुता को नुकसान पहुँचाना भी उनकी मंशा थी। कई डिजिटल सबूत भी मिले हैं। अदालत परिसर में नारेबाजी को लेकर भी कोर्ट ने PFI कार्यकर्ताओं की क्लास लगाई।
The starting of the raids in early hours kept the media out of it to rob its capacity the show the raid and create trouble, the organisation sleeping, leaders waking up just get into the police van, and the cadre coming to know of it in the morning. Excellent strategy
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) September 24, 2022
वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि PFI कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों के बाद राज्य में हुई हिंसा के लिए पहले से साजिश रच ली गई थी और इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संगठित उपद्रव से राज्य को काफी नुकसान पहुँचा है। उन्होंने पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि कड़ी कार्रवाई करते हुए कइयों को गिरफ्तार भी किया गया है। उन्होंने बताया कि हिंसा में संलिप्त लोगों की पहचान करने में पुलिस लगी हुई है।