अयोध्या में नवनिर्मित राममंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। इस समारोह पर प्रतिबंध लगाने के लिए गाजियाबाद के भोला दास ने इलाहबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मंगलवार (16 जनवरी 2024) को दायर की गई इस जनहित याचिका में कार्यक्रम पर रोक लगाने की माँग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष माह में कोई भी धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही याचिकाकर्ता दास ने कहा कि मंदिर अभी भी निर्माणाधीन है और इसमें देवता की प्रतिष्ठा नहीं हो सकती, क्योंकि यह सनातन परंपरा के हिसाब से असंगत होगा। कोई भी देवता ऐसी स्थिति में प्रतिष्ठित नहीं हो सकते हैं।
याचिका में कहा गया, “22 जनवरी 2024 को अयोध्या में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। निर्माणाधीन मंदिर में रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। यह समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा।” याचिका में आगे कहा गया है कि शंकराचार्यों को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर आपत्ति है।
इसके अलावा इस याचिका में में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में राजनीतिक फायदे के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इससे पहले विपक्षी दलों ने दावा किया था कि अधूरे मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पर आपत्ति जताने के बाद शंकराचार्यों ने 22 जनवरी 2024 के कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है।
बताते चलें कि इलाहबाद हाई कोर्ट में एक याचिका 14 से 22 जनवरी तक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने के शासनादेश के खिलाफ भी दायर की गई है। ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष नरोत्तम शुक्ल और अधिवक्ता आशुतोष तिवारी सहित 6 लोगों ने पीआईएल दायर की है। हालाँकि, हाई कोर्ट ने इस पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
वहीं, इस सबके बीच अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान 16 जनवरी 2024 से ही शुरू हो गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद राम मंदिर आम लोगों के दर्शन के लिए 23 जनवरी 2024 से खुल जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी दोपहर 1 बजे तक पूरा होने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने अयोध्या में श्री रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान भी शुरू किया है। इस अवसर पर पीएम मोदी और सीएम योगी सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहेंगे। परंपरा के अनुसार, 1000 टोकरियों में उपहार नेपाल के जनकपुर और मिथिला के क्षेत्रों से आए हैं।