Monday, November 18, 2024
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‘सिखों के लिए PM मोदी ने बहुत कुछ किया है’: पूर्व खालिस्तानी नेता ने कहा- ऐसे कई अमृतपाल अभी आएँगे, ISI करती है इस्तेमाल

ठेकेदार ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी 'दल खालसा' की स्थापना की। साल 2020 में शाहीन बाग में CAA और NRC के विरोध में बैठे मुस्लिमों के समर्थन में भी दल खालसा नाम का एक संगठन आया था। इस संगठन के चीफ का नाम हरपाल सिंह चीमा बताया गया था। चीमा ने CAA और NRC का विरोध किया था। दल खालसा ने BJP के 'हिंदू राष्ट्र', कश्मीर से धारा 370 हटाने आदि का भी विरोध किया था।

‘दल खालसा’ के संस्थापक और पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह ठेकेदार (Jaswant Singh Thekedar) ने खालिस्तान मूवमेंट (Khalistan Movement) की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI सिखों का इस्तेमाल कर खालिस्तान की माँग को बढ़ावा दे रही है। ठेकेदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तारीफ की और कहा कि अभी कई ‘अमृतपाल’ सामने आएँगे।

इंग्लैंड की राजधानी लंदन में रहने वाले पूर्व खालिस्तानी नेता ठेकेदार ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सिख धर्म और सिखों के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने सिख धर्म के लोगों कि कई माँगों को भी पूरा किया है। जैसे ब्लैकलिस्ट खत्म किया, करतारपुर कॉरिडोर खोला, छोटे साहिबजादे (गुरु गोबिंद सिंह के पुत्र) के बारे में बात की।

ठेकेदार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सिख धर्म से प्यार करते हैं और उसे काफी सम्मान देते हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सिख समुदाय की प्रमुख माँगों को पूरा किया। केवल कुछ माँगों को पूरा किया जाना ही बाकी है। अगर इन माँगों को पूरा कर दिया जाता है तो सब अच्छा होगा।

जसवंत सिंह ठेकेदार ने केंद्र सरकार के प्रस्तावित नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का भी समर्थन किया। उन्होंने CAA के आधार पर अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को भारत लाने के लिए पीएम को धन्यवाद दिया। ठेकेदार ने कहा कि पीएम ने इन लोगों का स्वागत करते हुए कहा था कि वे वे मेहमान नहीं, बल्कि अपने घर में हैं। भारत उनका घर है।

ठेकेदार ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमृतपाल खालिस्तान के बारे में कुछ नहीं जानता, लेकिन खालिस्तान के नाम पर काफी पैसे कमा रहा है। बता दें कि अमृतपाल सिंह बीते दिनों पंजाब के अजनाला में थाने पर कब्जा कर लिया था और पुलिस को अपने साथियों को छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था।

जसवंत सिंह ठेकेदार ने कहा कि पाकिस्तान की ISI अमृतपाल को औजार की तरह इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि जब अमृतपाल ISI के लिए उपयोगी नहीं रहेगा तो उसकी जगह किसी और को पकड़ लेगी। इस तरह आज एक अमृतपाल है तो कल कोई और अमृतपाल खड़ा हो सकता है।

पूर्व खालिस्तानी नेता ठेकेदार ने कहा कि पाकिस्तान अच्छी तरह जानता है कि अगर खालिस्तान बना तो खालिस्तानियों का अगला निशाना लाहौर होगा। इसलिए पाकिस्तान भी नहीं खालिस्तान नहीं बनने देगा। उन्होंने कहा कि खालिस्तान का असल दुश्मन भारत नहीं, बल्कि पाकिस्तान है। 

जसवंत सिंह ने कहा कि खालिस्तान के नाम पर जनमत का पाखंड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में प्रतिबंधित संगठन जिस जनमत की बात कर रहे हैं उसकी माँग पंजाब ने नहीं की है। ISI के निर्देश पर ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय पासपोर्ट धारक या नागरिक इसकी माँग करें तो समझ में आता है लेकिन जो कनाडा, अमेरिका या ब्रिटेन के नागरिक हैं उन्हें तो इसका अधिकार ही नहीं है।

जसवंत सिंह ने पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर खालिस्तान समर्थकों के साथ नरमी बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई ना करके खालिस्तान मूवमेंट को फिर से सक्रिय होने में मदद कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि AAP सरकार खालिस्तानियों से निपटने में असक्षम है।

खालिस्तान मूवमेंट के खात्मा को लेकर जसवंत सिंह ने कहा कि अगर सरकार खालिस्तान नेताओं की माँग ले तो ये मूवमेंट ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सिख राजनैतिक कैदियों की रिहाई, सिखों को धारा 25बी-2 से हटाना जैसी माँगें मानने से खालिस्तान मूवमेंट खुद कमजोर हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ये माँगें मानती है तो इससे देश को भी नुकसान नहीं होगा।

जसंवत सिंह ठेकेदार साल 2013 तक खालिस्तान आंदोलन के प्रबल समर्थक थे। हालाँकि, बाद में उनके रूख में नरमी आई। इंग्लैंड के ‘मिनी पंजाब’ कहलाने वाले साउथऑल में ठेकेदार रहते हैं। यहाँ पर लगभग 7 गुरुद्वारे हैं, जिनमें सबसे खस्ताहाल है- ब्रॉडवे का ‘मीरी-पीरी गुरुद्वारा’। 76 वर्षीय जसवंत सिंह ठेकेदार इसी गुरुद्वारे के प्रबंध समिति के अध्यक्ष हैं।

ठेकेदार ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी ‘दल खालसा’ की स्थापना की है। साल 2020 में शाहीन बाग में CAA और NRC के विरोध में बैठे मुस्लिमों के समर्थन में भी दल खालसा नाम का एक संगठन आया था। इस संगठन के चीफ का नाम हरपाल सिंह चीमा बताया गया था। चीमा ने CAA और NRC का विरोध किया था। दल खालसा ने BJP के ‘हिंदू राष्ट्र’, कश्मीर से धारा 370 हटाने आदि का भी विरोध किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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