Sunday, December 22, 2024
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‘मोदी जी का बेटा लौटा है… मेरा नहीं’ : यूक्रेन से भारत लौटा ध्रुव, कश्मीरी पंडित पिता ने रो रोकर कहा- भारत जिंदाबाद

नॉर्थ ईस्ट यूक्रेन के शहर सूमी से 674 भारतीयों को लेकर तीन उड़ानें भरी गई थीं जो 11 मार्च को दिल्ली में उतरीं। भारत पहुँचे बच्चों ने अपने माता-पिता को वहाँ के हालात के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उन लोगों को सूमी में पानी पीना भी मुश्किल हो गया था, वह लोग बर्फ पिघलाकर पानी पी रहे थे।

यूक्रेन में फँसे भारतीयों को लाने का सिलसिला जो फरवरी माह से शुरू हुआ था वो इतने दिन बीतने के बाद भी बरकरार है। पूरी प्रतिबद्धता के साथ भारत सरकार इन कोशिशों में लगी है कि वो अपने सभी नागरिकों को सकुशल लेकर आए। इसी क्रम में हाल में सूमी में फँसे लोग भी भारत लाए गए हैं जिनमें एक ध्रुव भी शामिल है। ध्रुव एक कश्मीरी हैं जिनके पिता संजय पंडिता की एक वीडियो सामने आई है।

वीडियो में संजय पंडिता काफी भावुक दिखते हैं। वह समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहते हैं, “ये मेरा बेटा नहीं आया ये मोदी जी का बेटा आया है। उम्मीद नहीं थी हमें इन बच्चों की। हमने ये उम्मीद छोड़ रखी थी। हमारे लिए कोई उम्मीद नहीं बची थी, जो सूमी में उन लोगों ने हालात किए थे। उन हालातों में उनका जीवन नामुमकिन हो रहा था कि मैं भारत सरकार का धन्यवादी हूँ कि उन्होंने मुझे मेरा बेटा लौटाया। भारत के लिए जिंदाबाद।”

उन्होंने अपने बेटे के हालातों के बारे में बताया, “बेटा जब लौटा तो एक भाई ने उनसे पूछा कि उसे खाने के लिए क्या चाहिए। उसने कहा कि उसे कुछ नहीं चाहिए बस पानी पिला देना। वो लोग वहाँ पानी के लिए तड़पे। उन्होंने बर्फ पिघला कर पिया है। वह उस पानी के लिए तड़प रहा था। हम पानी लेकर आए हैं।”

संजय ने बताया कि वो कश्मीर से हैं और उनका बेटा यूक्रेन सूमी से लौटा है। वह लोग आभारी हैं भारत सरकार, पीएम मोदी के। वहीं ध्रुव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके लिए सूमी में जिंदा रहना बहुत मुश्किल हो रहा था। उन्हें भारत आकर राहत मिली है। ध्रुव ने भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा को धन्यवाद दिया।

बता दें कि नॉर्थ ईस्ट यूक्रेन के शहर सूमी से 674 भारतीयों को लेकर तीन उड़ानें भरी गई थीं जो 11 मार्च को दिल्ली में उतरीं। भारत पहुँचे बच्चों ने अपने माता-पिता को वहाँ के हालात के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उन लोगों को सूमी में पानी पीना भी मुश्किल हो गया था, वह लोग बर्फ पिघलाकर पानी पी रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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