उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक माँ ने अपने प्रेमी के साथ भागने के लिए अपने बच्चे का ही अपहरण करवा दिया। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस ने बताया कि 5 साल के ध्रुव की माँ शिखा को फेसबुक के जरिए तेलंगाना के अशफाक से प्यार हो गया था, इसलिए उसने क्राइम पेट्रोल देख कर फिरौती के पैसों के लिए यह साजिश रची। वह अशफाक के साथ भागना चाहती थी लेकिन अशफाक को जिम खोलने के लिए पैसे चाहिए थे।
पुलिस ने इस मामले में खुलासा करते हुए बताया कि ध्रुव की माँ शिखा, उसके प्रेमी अशफाक और कार चालक इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से अपहरण में इस्तेमाल की गई कार और दो मोबाइल बरामद किए गए हैं।
कैसे हुई अशफाक की गिरफ्तारी?
दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 7 अगस्त को शाम 4 बजे सूचना मिली कि मझोला थाना क्षेत्र के रहने वाले कलेक्शन एजेंट गौरव के 5 वर्षीय पुत्र ध्रुव का अपहरण हो गया है। फिरौती के रूप में 30 लाख रुपए माँगे गए।
सूचना मिलने पर आइजी रमित शर्मा व SSP के नेतृत्व में 300 पुलिस कर्मी ध्रुव की तलाश चारों दिशाओं में करने लगे। केस में पुलिस का दबाव बढ़ते ही अपहरणकर्ता घबरा गए और गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे पर ध्रुव को छोड़ कर फरार हो गए।
ध्रुव की बरामदगी के बाद मझोला पुलिस किडनैपर्स की तलाश में जुटी। प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह व सर्विलांस सेल ने घटनास्थल के आसपास का सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा किए। सभी संदिग्धों को चिह्नित करके कुछ मोबाइल नंबर ट्रेस किए गए।
इसमें से एक मोबाइल नंबर ऐसा मिला, जो वारदात से ठीक पहले तेलंगाना के निजामाबाद से मुरादाबाद तक सफर में था और ध्रुव की बरामदगी के तत्काल बाद यही मोबाइल नंबर रखने वाला मुरादाबाद से निजामाबाद लौट गया।
मोबाइल नंबर के जरिए मिले इस सुराग के आधार पर पुलिस निजामाबाद पहुँची। वहाँ पुलिस ने मोबाइल नंबर चलाने वाले मुहम्मद अशफाक को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अशफाक ने खुलासा किया ध्रुव की माँ के कहने पर ही उसने ध्रुव को उठाया था। इसके बाद पुलिस ने उस कार को भी बरामद किया, जिसमें ध्रुव को किडनैप किया गया और कार चालक इमरान को भी। दोनों आरोपितों के फोन भी जब्त किए गए।
कैसे हुआ शिखा और अशफाक में प्रेम?
साल 2018 में अशफाक ने फेसबुक पर स्वीटी नाम की आईडी बनाकर शिखा से संपर्क किया था। इसके बाद दोनों के बीच में बातें होना शुरू हो गई। करीब 4 माह तक ये सिलसिला चला। लेकिन फिर अशफाक ने उसे बता दिया कि वह लड़की नहीं एक लड़का है। शिखा को उससे बात करना इतना अच्छा लगने लगा था कि उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा।
इसके बाद एक के बाद एक झूठ से पर्दा उठा। लेकिन शिखा संभलने को तैयार नहीं थी। उसे अशफाक से बात करना इतना पसंद था कि जब उसने अपने मजहब और धर्म का खुलासा किया, तब भी शिखा की आँख नहीं खुली और जब उसने ये बताया कि वह इंजीनियर नहीं, निजामाबाद में शोभा इलेक्ट्रॉनिक्स में कर्मचारी है, तो भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ा।।
स्थिति ये हो गई कि अशफाक द्वारा धर्म परिवर्तन का दबाव भी शिखा को सही लगने लगा और उसका भरोसा जीतने के लिए उसने अपना नाम सोना रख कर रोजा रखना शुरू कर दिया। जब परिवार वालों को रोजे की बात पता चली तो सबने उसका विरोध किया। ससुराल वालों को छोड़ दें तो चंदौसी में रहने वाले उसके भाई और माता-पिता ने भी उसे समझाया। लेकिन किसी को यह नहीं मालूम चला कि आखिर इसके पीछे कारण क्या है।
जब पुलिस ने अशफाक को गिरफ्तार कर लिया तो उसने बताया कि उसने पिछले दो साल में मुरादाबाद तक 22 बार सफर किया और हर बार उसके होटल का खर्चा शिखा ने उठाया। मुरादाबाद के अलावा दोनों रामनगर और नैनीताल के होटलों में भी एक साथ ठहर चुके हैं।
अशफाक के पीछे पागल हो चुकी शिखा ने रची थी पूरी साजिश
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार अपहरण के पीछे के मनसूबे फिरौती के पैसे थे। प्लान ये था कि अपहरण के बाद शिखा फिरौती के पैसे लेकर आएगी और वह लोग कार में बैठकर तेलंगाना निकल जाएँगे जबकि ध्रुव को कपूर कंपनी पुल के पास छोड़ा जाएगा।
रिपोर्ट की मानें तो शिखा ने स्वयं ही ध्रुव को समझाया था कि वह अशफाक को परेशान न करे। बाद में खुद भी आने का वायदा किया। अशफाक ने भी बच्चे को घुमाने का लालच दिया और उसे लेकर नोएडा के एक होटल में पहुँच गया। लेकिन बाद में पुलिस ने अपहरण की सूचना पर जब कार्रवाई की तो घबराकर बच्चे को कौशांबी में छोड़ दिया गया।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि आरोपित शिखा की शादी 2011 साल में गौरव से हुई थी। दोनों को एक बेटी सादगी (8) और बेटा धुव (5) है। शादी के बाद दोनों का जीवन सामान्य तरीके से चल रहा था। लेकिन शिखा अपने इस जीवन से संतुष्ट नहीं थी। इसलिए 2 साल पहले जब तेलंगाना के निजामाबाद का अशफाक फेसबुक पर उसके संपर्क में आया तो शिखा ने सपने बुनने शुरू कर दिए।