शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उड़ीसा के समाजसेवी दैत्री नायक को देश के चौथे बड़े सम्मान पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया। बता दें कि 70 साल के दैत्री नायक उड़ीसा के कोइन्झर ज़िले के बैतरणी गाँव के निवासी हैं। ये गाँव बांसपाल ब्लॉक के अंतर्गत आता है।
बांसपाल ब्लॉक के साथ साथ आस पास के तेलकोई और हरिचंदपुर ब्लॉक के लोग भी पानी की समस्या से जूझ रहे थे। यहाँ पर पीने के पानी और सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं थी। पानी से संबंधित किसी भी काम के लिए लोगों को बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था। पहाड़ी इलाका होने की वजह से सरकारी तंत्र के लिए भी यहाँ पर पानी की व्यवस्था कर पाना काफी मुश्किल हो रहा था। जिससे लोग काफी परेशान थे, मगर कुछ कर नहीं पा रहे थे।
President Kovind presents Padma Shri to Shri Daitari Naik for Social Work. Member of a tribal community in Odisha, he carved out a three-kilometer canal from the Gonasika mountains. This canal now provides water to about 100 acres of land pic.twitter.com/8bl48Ih3Ah
— President of India (@rashtrapatibhvn) 16 March 2019
सभी लोग हार मानकर परिस्थिति के साथ समझौता करने पर विवश हो गए। जब ग्रामीणों ने इसे ही अपनी किस्मत मान ली, तब 70 वर्षीय दैत्री ने इस समस्या को हल करने का बीड़ा उठाया। दैत्री ने गाँव की किस्मत को बदलने की ठान ली। पथरीली जमीन होने के बावजूद दैत्री ने अपने परिवार के साथ नहर बनाने का काम शुरू किया। पानी के इंतजाम के लिए दैत्री ने तीन साल तक पहाड़ों को तोड़ा और खुदाई की। इस दौरान दैत्री का परिवार पत्थर हटाने में उसकी मदद करता था। दैत्री ने तीन साल तक लगातार मेहनत करने के बाद गाँव में एक किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली। इससे गाँव के लोगों के पानी की समस्या खत्म हो गई।
दैत्री नायक के इस साहसिक कार्य के बाद उन्हें ‘उड़ीसा का मांझी’ भी कहा जाने लगा। आपको बता दें कि दशरथ मांझी ने अपने गाँव में सड़क की समस्या को दूर करने के लिए पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया था। वो बिहार में गया के पास के गहलौर गाँव के एक गरीब मजदूर थे। उन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट उँचे पहाड़ को काट कर एक सड़क बना डाली। 22 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद दशरथ ने इस सड़क को बनाया। उनकी बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लॉक की दूरी को 55 किमी से 15 किमी कर दिया।
दैत्री के द्वारा नहर बना दिए जाने से अब लोगों को पानी की समस्या से छुटकारा मिल गया है। पहले तो लोगों को मजबूरी में तालाब का गंदा पानी पीना पड़ता था। जिससे लोग काफी बीमार भी पड़ते थे। दैत्री से गाँव के लोगों की ये परेशानी देखी नहीं गई और उन्होंने गाँव के लिए वो कर दिखाया, जिसे करने में सरकार भी सफल नहीं हो पा रही थी। दैत्री के इस कार्य से उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनके घर जाकर उनके साहस और कर्मठता को सराहा।