भारत के प्रमुख जॉब पोर्टल्स में से एक Naukri.com ने ‘हायरिंग आउटलुक सर्वेक्षण’ (Hiring Outlook survey) में प्रकाशित किया है कि जनवरी से जून 2019 के बीच देश में रोज़गार के लिए सुनहरा अवसर है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “आने वाले छह महीने रोज़गार की दृष्टि से बहुत ज़्यादा उम्मीदों से भरा है। सर्वेक्षण में देश भर के 3310 रिक्रूटर्स को शामिल कर किया गया है। सर्वे में शामिल 84% रिक्रूटर्स देश में हायरिंग एक्टिविटी में तेज़ उछाल की उम्मीद कर रहे हैं, जो पिछले साल की तुलना में 20% ज़्यादा है।”
इंफो इंडिया लिमिटेड के चीफ़ मार्केटिंग ऑफिसर सुमीत सिंह के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, “जिस तरह से रिक्रूटर्स नौकरियों के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं, चाहे वो रिप्लेसमेंट जॉब हो या नई भर्तियाँ (replacement hiring and new jobs), दोनों क्षेत्र आने वाले समय में रोज़गार की बेहतर छवि पेश करते हैं।”
पिछले काफ़ी समय से जिस तरह से आधारभूत उद्योगों ने तेज गति से उछाल आया है। उससे नौकरियों के सृजन की उम्मीदें और बढ़ी हैं। इसी तरह की सम्भावना ‘जॉबस्पीक’ नामक पोर्टल ने भी व्यक्त की है। कहा है कि जॉब क्रिएशन ने पिछले साल से जो गति पकड़ी है उसके नए साल में भी जारी रहने की संभावना है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि 56% रिक्रूटर्स नए जॉब क्रिएशन और रिप्लेसमेंट हायरिंग दोनों की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही, ”साल की पहली छमाही में नई जॉब क्रिएशन और रिप्लेसमेंट हायरिंग दोनों में ग्रोथ की 56% रिक्रूटर्स को उम्मीद है। जबकि सर्वे में शामिल 12 पर्सेंट रिक्रूटर्स ने कहा कि सिर्फ़ रिप्लेसमेंट हायरिंग ही होगी। ज़्यादातर रिक्रूटमेंट की संभावना आईटी, बीएफएसआई और बीपीओ में हैं।
लगभग आधे रिक्रूटर्स ने सर्वे में उम्मीद जताई कि रिक्रूटमेंट सेल्स और मार्केटिंग में सबसे ज्यादा हो सकता है। इसके बाद आईटी-सॉफ्टवेयर फंक्शनल एरियाज में। एक-चौथाई रिक्रूटर्स ने यह भी टिप्पणी की कि ऑपरेशन सेक्टर जैसे एचआर और अकॉउंट डोमेन में भर्ती अधिक होगी। रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी की उम्मीद को इस तथ्य से और बल मिल जाता है कि सर्वेक्षण में शामिल केवल 1% रिक्रूटर्स ने ही इस दौरान छँटनी की उम्मीद की थी।
साथ ही दिलचस्प बात यह है कि रिक्रूटर्स के बीच इस बात पर संदेह व्यक्त किया गया है कि ज़रूरत के हिसाब से क्या उतने मात्रा में योग्य उम्मीदवार मिलेंगे या नहीं? रिपोर्ट में कहा गया है, “42% रिक्रूटर्स ने भविष्यवाणी की है कि अगले छह महीनों में योग्य उम्मीदवारों की कमी का मुद्दा सामने आ सकता है। जबकि 31% रिक्रूटर्स ने कहा कि प्रतिभा (योग्य उम्मीदवार) की कमी बनी रहने के बावजूद, नौकरियों में तीव्रता बानी रहेगी। अधिकतम ‘टैलेंट क्रंच’ 3-5 साल के अनुभव बैंड में होने की उम्मीद है।”
वेतन वृद्धि के मुद्दे पर, सर्वे में शामिल एक-तिहाई रिक्रूटर्स का मानना था कि वेतन वृद्धि 10-15% के बीच होगी। 15% रिक्रूटर्स ने इसे 15-20% के बीच होने की संभावना व्यक्त की, जबकि 16% ने रिपोर्ट किया कि इंक्रीमेंट 20% से ऊपर होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्मचारियों के अपने पुराने संस्था को छोड़ देने की दर ( Predicted rate of Attrition) के बारे में 14% रिक्रूटर्स ने पिछले साल कराए गए आउटलुक सर्वेक्षण में 20% – 40% के बीच होने की भविष्यवाणी की थी। यह वर्तमान आउटलुक सर्वे में 7% तक है। सर्वे में शामिल 50% रिक्रूटर 5% – 15% के बीच एट्रिशन की दर बनाए रखते हैं। कुछ रिक्रूटर्स ने ये सुझाव दिया कि 1-3 साल के प्रवेश स्तर (Entry Level) के बैंड में अधिकतम प्रभाव दिखाई देगा। रिक्रूटर्स ने कार्यात्मक क्षेत्रों जैसे बिक्री और विपणन और आईटी सॉफ्टवेयर (Sales & Marketing and IT Software) में अधिक एट्रिशन दर होने की संभावना व्यक्त की है।
बता दें कि, विपक्षी दलों द्वारा रोज़गार की संभावनाओं पर लगातार हो-हल्ला मचाने के बावजूद, देश में व्यापक रोज़गार सृजन हुए हैं। हाल ही में रेलवे में भी 4 लाख नौकरियों के साथ अगले 6 महीने रोज़गार की दृष्टि से आशावादी दिखते हैं।
Naukri.com सर्वेक्षण से अगर निष्कर्ष निकालें तो साफ़ देख सकते हैं कि यदि किसी व्यक्ति के पास आवश्यक प्रतिभा है, तो उसे काम पर रखने की संभावना पहले की तुलना में बहुत अधिक है।
अंग्रेज़ी के मूल लेख का अनुवाद रवि अग्रहरि ने किया है।