पुणे के ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों ने दो लोगों को करोड़ों की पोर्शे से कुचलने वाले नाबालिग का ब्लड सैंपल बदल दिया था। उन्होंने नाबालिग का सैंपल कूड़े में फेंक उसकी जगह दूसरे आदमी के खून की जाँच पर नाबालिग रईसजादे का नाम डाल दिया था। इसकी वजह से शुरुआती रिपोर्ट में उसके नशे की बात नहीं खुली थी। अब पुलिस ने इन दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मीडिया को बताया, “यह पता चला है कि जो ससून अस्पताल में सैंपल लिया गया था, जिस पर वहाँ के डॉक्टरों ने आरोपित का नाम लिख कर और सील करके जाँच के लिए फॉरेंसिक को भेजा था। वह असल में नाबालिग आरोपित का नहीं था।”
#WATCH | Pune car accident case | Pune Police Commissioner Amitesh Kumar says "Sections 120 (B), 467 Forgery and 201, 213, 214 Destruction of evidence have been added in this matter. We received the forensic report yesterday and it has been revealed that the sample collected at… pic.twitter.com/UdurvDuVyu
— ANI (@ANI) May 27, 2024
कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि औंध अस्पताल में लिया गया ब्लड सैंपल नाबालिग का ही था और उसका DNA, उसके पिता से भी मिल गया है। ऐसे में औंध वाला ब्लड सैंपल सही निकला है जबकि ससून अस्पताल का सैंपल दूसरा था और नाबालिग का नहीं था। उन्होंने बताया कि दोनों सैंपल में अलग-अलग नतीजे आने के बाद इस मामले की जाँच की गई।
उन्होंने बताया कि जब नाबालिग का सैंपल भेजने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की गई तो पता चला कि उन्होंने असली ब्लड सैंपल कूड़े कूड़ेदान में फेंक दिया था। इसकी जगह पर दूसरे व्यक्ति का ब्लड सैंपल लेकर उस पर नाबालिग का नाम लिख दिया गया था।
कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने का काम ससून अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग के मुखिया अजय तावरे के कहने पर किया गया था। उन्होंने बताया कि अजात तावरे और ब्लड सैंपल बदलने वाले डॉक्टर श्रीहरी हल्नोर को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इन दोनों पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, सबूतों से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। मामले की आगे जाँच के लिए ससून अस्पताल के CCTV खंगाले जा रहे हैं और दोनों डॉक्टरों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ससून अस्पताल में भेजे गए नाबालिग रईसजादे के ब्लड सैंपल में अल्कोहल नहीं मिला था, जिसके बाद पुलिस को इस मामले में शक हुआ था। उसने दूसरा सैंपल लेकर जाँच करवाई तब पूरा खुलासा हुआ। पुलिस का कहना है कि नाबालिग के खून में अल्कोहल का मिलना या नहीं मिलना उनके केस को प्रभावित नहीं करेगा।
गौरतलब है कि हादसे को अंजाम देने से पहले रईसजादे की एक बार में बैठ कर शराब पीते हुए CCTV वीडियो भी सामने आई थी। इसमें वह दोस्तों के बैठ कर पी रहा था। वह एक अन्य बार में भी गया था। इन दोनों बार को पुलिस ने सील कर दिया था।
गौरलतब है कि 19 मई, 2024 की रात को पुणे के कल्याणीनगर इलाके में एक बिल्डर बाप के रईसजादे ने अपनी करोड़ों की पोर्शे से दो लोगों को रौंद दिया था। वह दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और उनकी इस हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद नाबालिग को 15 घंटे में ही जमानत मिल गई थी। उसे जमानत के लिए एक 300 शब्द का निबन्ध लिखने को कहा गया था। बाद में इस मामले के उठने के बाद उसकी जमानत खारिज हो गई थी।