प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक को लेकर पंजाब सरकार ने एक्शन लिया है। सरकार ने तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, फिरोजपुर के तत्कालीन डीआईजी इन्द्रबीर सिंह, तत्कालीन एसएसपी हरमनदीप हंस के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए। इस मामले में जल्द ही कई अन्य छोटे-बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिरने की आशंका जताई जा रही है।
दरअसल, प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में केंद्र ने गत सप्ताह पंजाब सरकार से कार्रवाई में हुई देरी को लेकर जवाब तलब किया था। इसके बाद से पंजाब सरकार एक्शन में है। सरकार ने पूर्व डीजीपी, पूर्व डीआईजी और एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने के अलावा कुछ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
PM’s security breach in Punjab in Jan 2022 | Punjab CM Bhagwant Mann has decided to initiate disciplinary proceedings for major penalty against Sidharth Chattopadhya, the then DGP Punjab, Inderbir Singh, the then DIG, Ferozepur Range and Harmandeep Singh Hans, the then SSP… https://t.co/zVpUges5Ps pic.twitter.com/uh12DdSHfy
— ANI (@ANI) March 21, 2023
इसमें, तत्कालीन एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नरेश अरोड़ा, तत्कालीन एडीजीपी साइबर क्राइम जी नागेश्वर राव, तत्कालीन आईजीपी पटियाला रेंज मुखविंदर सिंह, तत्कालीन आईजी काउंटर इंटेलिजेंस राकेश अग्रवाल, तत्कालीन डीआईजी फरीदकोट सुरजीत सिंह और मोगा के तत्कालीन एसएसपी चरणजीत सिंह का नाम शामिल है। इन सभी को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर पूछा गया है कि जाँच समिति की सिफारिश के अनुसार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए?
गौरतलब है कि पीएम की सुरक्षा में चूक एक गंभीर मामला है। इस मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में 5 सदस्यों की एक समिति गठित की थी। इस समिति ने 6 महीने पहले ही अपनी जाँच रिपोर्ट पेश कर चुकी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, डीजीपी सिद्धार्थस चट्टोपाध्याय समेत अन्य अधिकारियों को पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। हालाँकि 6 महीने बीत जाने के बाद भी पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी।
इसके बाद गत सप्ताह पंजाब केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ से इस मामले में हुई अब तक पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करने के किए कहा था। साथ ही, इस कार्रवाई में राज्य सरकार की ओर से हुई देरी को लेकर जवाब माँगा था।
क्या है मामला
यह मामला 5 जनवरी 2022 का है। तब, पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के दौरे पर थे। इसी दौरान ‘आंदोलनकारियों’ की भीड़ ने फिरोजपुर में एक फ्लाई ओवर पर प्रधानमंत्री के काफिले को रोक दिया। यह काफिला करीब 30 मिनट तक रुका रहा। इसके बाद पीएम मोदी को अपना पूरा कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली वापस लौटना पड़ा था। इस घटना के बाद तत्कालीन पंजाब सरकार की जमकर थू-थू हुई थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। जहाँ से जाँच के लिए समिति बनाई गई।