Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजगुरुद्वारे पर कब्जे को लेकर भिड़े निहंग गुट, फायरिंग में पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत:...

गुरुद्वारे पर कब्जे को लेकर भिड़े निहंग गुट, फायरिंग में पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत: पंजाब के कपूरथला की घटना

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब लगभग तीन दर्जन निहंगों ने गुरुद्वारा अकालपुर बुंगा में घुस कर कब्जा करने की कोशिश की। दूसरे निहंग समूह ने इसका विरोध किया। इससे दोनों निहंग समूहों के बीच झड़प हो गई।

पंजाब के कपूरथला जिले के एक गुरुद्वारा पर मालिकाना हक को लेकर बुधवार (22 नवंबर 2023) की रात निहंग सिखों के दो समूहों में झड़प हो गई। इस दौरान मौके पर पहुँची पुलिस बल पर एक निहंग सिख ने फायरिंग कर दी। इसमें एक कॉन्सटेबल की मौत हो गई। वहीं 5 अन्य पुलिस वाले घायल हो गए।

घटना के बाद इस इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस ने अब तक निहंग समूह के 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब लगभग तीन दर्जन निहंगों ने गुरुद्वारा अकालपुर बुंगा में घुस कर कब्जा करने की कोशिश की। दूसरे निहंग समूह ने इसका विरोध किया। इससे दोनों निहंग समूहों के बीच झड़प हो गई।

कपूरथला एसपी तेजबीर सिंह हुंडाल के मुताबिक, “सुल्तानपुर लोधी इलाके के इस गुरुद्वारे पर जब पुलिस पहुँची और परिसर खाली करने को कहा तो निहंगों ने फायरिंग कर दी। इससे वहाँ तनाव का माहौल बन गया।” गुरुद्वारा परिसर को खाली कराने के दौरान एक निहंग सिख की फायरिंग में एक पुलिस कॉन्सटेबल की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हो गए।

बताते चले कि निहंग सिख योद्धाओं का एक समूह है। ये अपनी उत्पत्ति सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के 1699 के खालसा निर्माण से हुई मानते हैं। ये नीले कपड़े और सजी हुई पगड़ी पहनते हैं। ये अक्सर अपने साथ तलवार और भाले जैसे हथियार रखते हैं।

निहंगों ने इस तरह का रवैया पहली बार नहीं दिखाया है। इस साल जुलाई में लुधियाना के गाँव जरखड़ के गुरुद्वारा मंजी साहिब की गोलक पर कब्जा करने के लिए फायरिंग की गई थी। इससे पहले निहंग प्रदर्शनकारियों ने 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान पटियाला के एक पुलिस अधिकारी का हाथ काट दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -