Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजपहले सिख परिवार को डरा-धमकाकर हासिल की गुरु की सराय, अब बना दी मस्जिद:...

पहले सिख परिवार को डरा-धमकाकर हासिल की गुरु की सराय, अब बना दी मस्जिद: हिंदू संगठनों का दावा, पंजाब के पटियाला में माहौल तनावपूर्ण

"इस मोहल्ले में पहले से ही मस्जिद बनी हुई थी। भारत विभाजन के बाद इस जगह पर रहने वाले कई लोग पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन यहाँ मौजूद मुस्लिमों ने मस्जिद को धरोहर के रूप में सहेज कर रखा था। अब उसी मस्जिद को नया आकार दिया गया है।"

पंजाब के पटियाला में गुरु की सराय को मस्जिद में बदलने के आरोपों के बाद विवाद खड़ा हो गया है। हिन्दू पक्ष का आरोप है कि गुरु की सराय को मस्जिद का रूप दे दिया गया है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस जगह 75 साल पहले भी मस्जिद थी, जिसे केवल नया रूप दिया गया है।

न्यूज नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक हिन्दू पक्ष का दावा है कि बँटवारे से पहले इस स्थान पर एक सिख परिवार रहता था। वही गुरु की सराय की देखरेख भी करता था। बाद में उसे डरा-धमकाकर मुस्लिमों ने उस जगह को हासिल कर लिया। कुछ समय बाद वहाँ मस्जिद बना दी गई। उस स्थान पर पहले सिखों का चिह्न था, जिसे हटा कर इस्लामी निशान लगा दिए गए। यह विवाद कोर्ट में भी गया जहाँ साल 2017 में मुस्लिम पक्ष ये साबित नहीं कर पाया कि यह स्थान उनका है। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सिखों के पक्ष में सुनाया। हिन्दू संगठनों का आरोप है कि अब गुरु की सराय में नमाज़ भी पढ़ी जाती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस स्थान पर विवाद हो रहा है वह पटियाला के गुजरांवाला मोहल्ले में मौजूद है। विश्व हिन्दू परिषद का दावा है कि गुरु की सराय को मस्जिद का रूप देने के लिए मुस्लिम पक्ष द्वारा किसी भी प्रकार की अनुमित नहीं ली गई है। VHP के इस दावे का गुजरांवाला मोहल्ले के स्थानीय निवासी और सिख समुदाय के कई लोग भी समर्थन कर रहे हैं। इन लोगों ने सराय को मस्जिद का रूप देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।

इस मामले में मुस्लिम पक्ष का नेतृत्व गुजरांवाला मस्जिद के अध्यक्ष अतर हुसैन कर रहे हैं। इस्लाम अली के साथ उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा, “इस बाबत हमसे स्थानीय SDM ने दस्तावेज माँगे थे जो हमने जमा कर दिए हैं। इस मोहल्ले में पहले से ही मस्जिद बनी हुई थी। भारत विभाजन के बाद इस जगह पर रहने वाले कई लोग पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन यहाँ मौजूद मुस्लिमों ने मस्जिद को धरोहर के रूप में सहेज कर रखा था। अब उसी मस्जिद को नया आकार दिया गया है।”

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक SDM राजपुरा संजीव कुमार इस मामले की जाँच कर रहे हैं। उन्होंने दोनों पक्षों से उनके दावे सुने और साथ ही उनके द्वारा दिए गए कागजातों की जाँच भी की। इस मामले में निर्णय के लिए आने वाली 9 मई को उन्होंने दोनों पक्षों को एक बार फिर से कागजातों के साथ बुलाया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -