उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी विवादित ढाँचा विवाद अभी थमा भी नहीं था कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के पुणे शहर में पुण्येश्वर मंदिर की जमीन पर दो दरगाहें बनाई गई हैं। मनसे ने लोगों से अपील की है कि वो राज ठाकरे की पार्टी को समर्थन दे। साथ ही दावा किया कि खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी के एक कमांडर ने पुणे में पुण्येश्वर और नारायणेश्वर मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था और बाद में जमीन पर दरगाहों का निर्माण किया गया था।
मनसे महासचिव अजय शिंदे ने रविवार (22 मई, 2022) को कहा कि उन्होंने ‘पुण्येश्वर मुक्ति’ (मंदिर की भूमि मुक्त) अभियान शुरू किया है और लोगों से मंदिर की भूमि को बहाल करने में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी की लड़ाई का समर्थन करने की अपील की। ज्ञानवापी मस्जिद के हालिया सर्वेक्षण का हवाला देते हुए शिंदे ने कहा कि हिंदुत्व पर राज ठाकरे के रुख के मद्देनजर सरकार जागी है। उन्होंने कहा, “ज्ञानवापी की तरह हम भी पुणे के पुण्येश्वर मंदिर के लिए लड़ रहे हैं।”
इससे पहले रविवार को पुणे में जनसभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने की माँग की थी। राज ठाकरे ने कहा था कि पीएम मोदी से विनती है वे युनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लेकर आएँ। औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करें, ताकि शिवसेना की सियासत खत्म हो।
राज ठाकरे ने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा पढ़ी तो उन पर कार्रवाई हुई। मातोश्री के आगे राणा दम्पति ने हनुमान चालीसा पढ़ी तो उन्हें गिरफ्तार करवा दिया गया। मातोश्री मस्जिद है क्या? क्या शिवसैनिकों ने इसी दिन के लिए वोट दिया था ?”
राज ने कहा कि शिवसेना ने AIMIM को संरक्षण दिया। शिवसेना को यह समझ नहीं आया कि उन्होंने ये गलत किया है। ये लोग यहाँ आकर औरंगजेब की कब्र पर माथा टेकते हैं। इन्हें शर्म आनी चाहिए।
पिछले दिनों AIMIM के प्रमुख हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने MNS प्रमुख राज ठाकरे को कुत्ते की उपमा दे डाली। अकबरुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित एक जनसभा एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुत्तों का काम भौंकना है उन्हें भौंकने दो, शेर का काम है शांत रहना है।
राज ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, “मैं यहाँ किसी को जवाब देने या बुरा कहने नहीं आया हूँ। तुम्हारी औकात नहीं है कि मैं तुम्हें जवाब दूँ।” इस दौरान उन्होंने ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाह-हू-अकबर’ के भड़काऊ नारे जमकर लगाए और सभा में उपस्थित लोगों से भी लगवाए।