आईएएस बनने के बाद अधिक सम्मान पाने की लालसा में महिला ट्रेनी पूजा खेडकर की हर जगह आलोचना हो रही है। सरकार ने उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया है लेकिन अब उनके उन सर्टिफिकेट्स पर सवाल खड़े हो रहे हैं जिसके आधार पर वो आईएएस बनीं। इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि कहीं बड़ा पद पाने के लिए पूजा खेडकर ने अपने पिता को लेकर कोई इंटरव्यू में झूठ तो नहीं बोले।
ये सवाल दरअसल एक वीडियो सामने आने से शुरू हुए हैं। वीडियो पूजा खेडकर एक मॉक इंटरव्यू का है जो उनकी कोचिंग वालों ने कराया था। इसमें वो कहती दिखाई दी थी कि उनके माता-पिता अलग हो चुके हैं और उनकी अपने पिता से कोई खास बात नहीं है। जबकि इस पूरे मामले में जहाँ पूजा खेडकर द्वारा अधिकारियों से अनुचित माँग की गई, उसमें सामने आया है कि पूजा के लिए उनके पिता भी अधिकारियों को धमकाते थे।
IAS Officer Dr.Pooja Khedkar issue needs to be investigated as the huge anger amongst the UPSC/MPSC aspirants. Now this video clip (of her mock interview taken by her coaching academy) gets viral on social media. If what’s she says is true then, she might have escaped the crème… pic.twitter.com/sKJTBgQGdE
— Ashish Jadhao (@ashish_jadhao) July 10, 2024
इसके अलावा ये भी पता चला है कि पूजा खेडकर के पिता ने हाल में लोकसभा चुनाव लड़ा था और उस समय उन्होंने अपने दायर हलफनामे में ऐसी किसी बात का जिक्र नहीं किया था कि वो अपनी पत्नी से अलग हो गए हैं। इसी आधार पर पूजा खेडकर की बात पर सवाल खड़े हो रहे हैं जो उन्होंने अपने मॉक इंटरव्यू में कही। उनके विकलांगता सर्टिफिकेट पर सवाल उठने के साथ ये भी कहा जा रहा है कि वो ओबीसीसी श्रेणी में भी क्रीमी लेयर में आती हैं इसलिए एक बार पूजा खेडकर की ज्वाइनिंग पर जाँच होनी जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि पूजा खेडकर ने साल 2023 में आईएएस परीक्षा को पास किया था उसमें उनकी 841 रैंक आई थी। अपने आपको उन्होंने इस सिलेक्शन प्रोसेस में मानसिक रूप से बीमार होने का दावा भी किया था। हालाँकि बाद में जब मेडिकल चेक अप की बारी आई तो वो अपनी ही बीमारी का सत्यापन करवाने के लिए 6 बार नहीं गईं। ऐसे में ये अब भी एक सवाल बना हुआ है कि अगर पूजा ने चेक अप कराने से मना किया तो फिर कैसे उनका सिलेक्शन हुआ। ये भी कहा जा रहा है कि 2021 में पूजा को ओबीसी पीडब्ल्यूबीडी 1 में खेल प्राधिकरण में सहायक निदेशक के रूप में चुना गया था, लेकिन 2023 में, उन्होंने रहस्यमय तरीके से अपनी श्रेणी 4 एम पीडब्ल्यूबीडी 1 को पीडब्ल्यूबीडी 5 में बदल दिया और आईएएस के रूप में चयनित हो गईं।
बता दें कि पूजा खेडकर का पूरा मामला उस समय खुला है जब पुणे कलेक्टर ने उनकी गलत माँगों के चलते उनकी शिकायत मुख्य सचिव को भेजी। अपने शिकायत पत्र में उन्होंने बताया था कि कैसे पूजा खेडकर वीआईपी ट्रीटमेंट पाने के लिए अधिकारियों को धमका रही हैं और परेशान कर रही हैं। उन्होंने अधिकारी अजय मोरे के चैंबर तक में कब्जा कर लिया था। वहीं अपनी निजी कार में वीआईपी नंबर लगाकर उसे चला रही थीं।