राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में डॉ. भीमराव आंबेडकर का पोस्टर लगाने के विवाद को लेकर एक दलित युवक की हत्या कर दी गई है। रावतसर थाना क्षेत्र के किंकरालिया गाँव निवासी 21 वर्षीय विनोद भीम आर्मी का सदस्य था।
आंबेडकर जयंती के दिन विनोद अपने घर पर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का पोस्टर लगा रह था, जिसको लेकर गाँव के पिछड़ी जाति के कुछ युवकों ने विरोध जताया। विवाद बढ़ने के बाद ओबीसी युवकों ने 5 जून को विनोद पर हमला कर दिया। घायलावस्था में विनोद को उपचार के लिए श्रीगंगानगर ले जाया गया, जहाँ उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
कहा जा रहा है कि दो आरोपित लड़के राकेश और अनिल ने हॉकी स्टिक से विनोद की पिटाई की थी। विनोद की मौत के बाद परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग को लेकर दलित समुदाय के लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया है।
प्रर्शनकारियों की माँग है कि मुआवजे के रूप में विनोद के परिजनों को 25 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा, खेत में जाने के रास्ते को लेकर जो विवाद है, उसे भी जल्द निपटाया जाय। पुलिस ने माँगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
परिजनों का कहना है कि मकान पर लगा आंबेडकर का पोस्टर हटाने को लेकर विनोद से मारपीट की गई थी। इस मारपीट के बाद पंचायत भी हुई थी, जिसमें दबंग युवकों ने विनोद से माफी माँग ली थी। हालाँकि माफी माँगने के बावजूद वे विनोद से रंजिश रखते थे। इसी कारण उन्होंने विनोद की बुरी तरह पिटाई की।
विनोद के परिजनों का आरोप है कि इस संबंध में पहले भी मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। परिजनों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस की भी मिलीभगत है। वहीं, एफआईआर में कहा गया है कि पिटाई के दौरान दबंगों ने जातिवादी टिप्पणी भी की और कहा, “आज तुम्हारा आंबेडकरवाद याद दिलवाएँगे।”
विनोद के भाई सतपाल ने बताया कि जब स्कूलों में हनुमान चालीसा बाँटी जा रही थी, तब विनोद ने विरोध किया था। उसके बाद उसे जान से मारने की धमकी मिली थी। इसके अलावा, लोगों द्वारा रोड जाम करने पर विनोद ने आपत्ति जताई थी। सतपाल का कहना है कि इन धमकियों की रिपोर्ट पुलिस में की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
वहीं, डीएसपी रणवीर मीणा का कहना है कि मामले में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। भाजपा का एसटी-एससी मोर्चा और भीम आर्मी ने भी आक्रोश जताया है और कहा कि अगर पुलिस पहले कार्रवाई की होती तो विनोद की पीट-पीटकर हत्या नहीं की जाती। भीम आर्मी के राजस्थान अध्यक्ष सत्यवान इंदासर का कहना है कि विनोद भीम आर्मी का सक्रिय सदस्य था और जातिगत भेदभाव के मुद्दे को जोर-शोर से उठाता था।