राजस्थान के राजसमंद के दिवेर थाना क्षेत्र के गुना गाँव में महादेव मंदिर के संत प्रेमदास ने रविवार (मई 24, 2020) रात अपने आश्रम में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। खुदकुशी से पहले प्रशासन के नाम पर उन्होंने वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था।
इस वीडियो में उन्होंने अपने लिए न्याय की माँग की। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक महिला ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद उस महिला के साथ उसके पति और महिला आयोग की सदस्या समेत 5 लोग उनसे 15 लाख रुपए माँगने लगे। ऐसे में खुद के आत्मसम्मान व संत सम्मान को बचाने के लिए उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया।
Sant Ramdas from Rajasthan committed suicide leaving a suicide video saying he was implicated in a #falserape case by a woman, her husband & a women commission member & demanded 15Lac rupees. Claimed its a gang that traps people. @PoliceRajasthan will u give him justice? pic.twitter.com/EibzUycnZN
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) May 27, 2020
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, महादेव मंदिर के पुजारी प्रेमदास महाराज लगभग 12 वर्षों से मंदिर में पूजा कार्य कर जीवन-यापन करते थे। मगर, पिछले कुछ समय से लोग उनपर अनर्गल आरोप लगाने लगे। इससे वह काफी आहत हुए। मामला ज्यादा बढ़ने पर उन्होंने एक पेड़ से लटकर अपनी जान दे दी।
आत्महत्या से पहले उन्होंने जो वीडियो रिकॉर्ड की, उसमें उन्होंने अपने लिए न्याय की माँग की और बताया कि उनके खिलाफ़ पिछले दिनों जो भी माहौल तैयार हुआ, वो सब साजिश था। इसके पीछे एक गैंग हैं। उन्होंने कहा कि जाने के बाद भले ही वे न्याय देखने नहीं आएँगे, मगर उन्हें न्याय जरूर मिला चाहिए। जिससे अन्यायियों को एक सबक मिल सके।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, गुना निवासी एक दंपती कुछ वक्त पहले संत प्रेमदास के आश्रम पेट दर्द की समस्या लेकर पहुँचा। उसके कुछ दिन बाद फिर पति ने अपनी पत्नी को संत के पास जाने को कहा। महिला जब 20 मई को संत के पास से होकर लौटी तो उसने रेप का आरोप लगा दिया।
बाद में दोनों मिलकर दिवेर थाना क्षेत्र गए, यहाँ इनकी शिकायत के आधार पर संत पर केस दर्ज हुआ। जब पुलिस आश्रम गई तो वहाँ संत रामदास नहीं मिले। इसके कारण मंदिर में मौजूद छगनलाल सुथार को संत के आने की सूचना देने के लिए कहा गया।
जब सुबह छगनलाल आश्रम गया तो संत को पेड़ पर लटका पाकर ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। इसके बाद उनके शव को देवगढ़ अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया गया। मामले की सूचना संत प्रेमदास के परिजनों को भेजी गई और पुलिस ने वीडियो के आधार पर पूरे मामले की जाँच करने को कहा।
जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद से साधु-संत समाज में काफी रोष है। सब लोग पुलिस से संत प्रेमदास के लिए इंसाफ की माँग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि झूठा आरोप लगाने वालों को फौरन मामले में आरोपित बनाया जाए और उनपर कार्रवाई हो।
यहाँ बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर संत प्रेमदास की वीडियो को शेयर किया जा रहा है और उनके लिए इंसाफ की माँग हो रही है। राजस्थान पुलिस से भी ये सवाल किया जा रहा है कि क्या वे संत प्रेमदास को इंसाफ दिलाएँगे? वहीं, कुछ लोग इस घटना से आहत होकर ये कह रहे हैं कि ये समय है कि पुरुष भी अपने हक में आवाज उठाएँ।
Now its time for Men to become Warrior and teach a lesson. .. We cant expect any justice from our Judiciary and these kind of women will never Change
— Nitin InderJeet Puri (@Nitin_Puri1) May 27, 2020