दिल्ली की एक अदालत ने आज (शुक्रवार, 25 सितंबर, 2019 को) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की न्यायिक हिरासत (जुडिशियल कस्टडी) एक हफ्ते यानि अगले शनिवार (2 नवंबर, 2019) तक के लिए बढ़ा दी है। रतुल पुरी पर अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है। यह घोटाला मोदी सरकार की पूर्ववर्ती यूपीए के कार्यकाल के अंतिम दौर में हुआ था।
आर्थिक अपराधों की जाँच करने वाली स्पेशलाइज़्ड जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रतुल पुरी की हिरासत बढ़ाए जाने के लिए अदालत में अर्ज़ी दायर की थी। ईडी की अर्ज़ी को मंजूर करते हुए विशेष जज अरविन्द कुमार ने पुरी को जेल भेज दिया। इसके पहले 21 अक्टूबर, 2019 को भी अदालत ने तिहाड़ जेल में ईडी को पुरी से पूछताछ के लिए उनकी कस्टडी तीन दिन के लिए बढ़ा दी थी।
Special court at the Rouse Avenue Court Complex allows the ED to further interrogate businessman Ratul Puri in Tihar jail for three days in connection with Rs 3,600 crore AgustaWestland VVIP chopper money laundering case
— ANI Digital (@ani_digital) October 21, 2019
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रतुल पुरी को ईडी ने पिछले महीने (4 सितंबर, 2019 को) मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हिरासत में लिया था। यह मुकदमा इटली की रक्षा उपकरण बनाने वाली कम्पनी फिनमैकेनिका की ब्रिटिश सब्सिडरी कम्पनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद में कई कथित अनियमितताओं की शिकायतों के चलते किया गया था। इन चॉपरों में अति विशिष्ट श्रेणी के गणमान्य लोगों (वीवीआईपी) को यात्रा करनी थी।
यह रतुल पुरी की पहली गिरफ़्तारी भी नहीं है। इसके पहले वे प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के अंतर्गत भी हिरासत में लिए जा चुके हैं। वह भी चॉपर स्कैम से ही जुड़ा मसला था। पहले वे दिल्ली में ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए, उसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। ईडी ने इसके लिए सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर का संज्ञान लिया।
पीएमएलए का इस्तेमाल कर सबसे ताज़ा केस सभी ने दायर किया है। लगभग दो महीने पहले (17 अगस्त, 2019 को) दायर इस मुकदमे में रतुल पुरी के अलावा उनके पिता दीपक पुरी, माँ नीता पुरी (जो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की बहन भी हैं) और अन्य के खिलाफ शिकायत की गई है। मामला सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा अपने साथ ₹354 करोड़ की धोखाधड़ी (फ्रॉड) किए जाने के आरोप का है।
उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी अदालत ने ख़ारिज कर दी थी। इसके अलावा ईडी का यह भी आरोप है कि रतुल पुरी चॉपर घोटाले के मामले में एक गवाह की हत्या के लिए भी जिम्मेदार हैं।