दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार (16 अगस्त 2024) को समाजवादी पार्टी को भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लगाए गए बलात्कार के आरोपों को हटाने का आदेश दिया। मालवीय के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि वे एक प्रमुख राजनीतिक दल से जुड़े हैं और उन्होंने समाज में प्रतिष्ठा है, जिसे धूमिल करने की कोशिश की गई है।
जस्टिस विकास महाजन की अदालत के समक्ष मालवीय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद नायर और नलिन कोहली उपस्थित हुए। अरविंद नायर ने तर्क दिया, “इस तरह के बयान किसी के लिए नहीं दिए जा सकते… इससे हर दिन नुकसान हो रहा है। लाखों लोगों ने इसे (X पर पोस्ट को) देखा है।” उन्होंने ट्वीट हटाने के लिए कोर्ट से अंरिम आदेश की माँग की।
जस्टिस महाजन ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि आदेश दस्ती (हाथ से भेजे जाने वाले कोर्ट नोटिस की सेवा) के जरिए दिया जाएगा। दरअसल, अमित मालवीय ने अखिलेश यादव के राजनीतिक दल समाजवादी पार्टी पर मानहानि का मुकदमा किया है। यह मुकदमा अधिवक्ता सुरजेंदु शंकर दास और एनी मित्तल के जरिए दायर किया गया है।
दरअसल, यह विवाद अयोध्या में सपा नेता मोईद खान पर लगे बलात्कार के आरोपों से जुड़ा है। इस मामले में राजू खान को भी आरोपित किया गया है। अखिलेश यादव ने 3 अगस्त को ट्वीट किया कि इस मामले में डीएनए टेस्ट होना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरोप झूठे साबित होते हैं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उसी दिन अमित मालवीय ने अखिलेश यादव के ट्वीट का हवाला देते हुए पूछा कि वह डीएनए टेस्ट के जरिए क्या साबित करना चाहते हैं। सपा की आलोचना करते हुए अमित मालवीय ने ट्विट में लिखा, “आने वाले दिनों में जहाँ-जहाँ सपा जीतेगी, वहाँ-वहाँ हर गाँव में पिछड़े समाज की बेटियों और बहुओं के साथ इस तरह के दुष्कर्म की खबरें खूब आएँगी।”
इसके बाद समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल ने अमित मालवीय पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और बलात्कार के आरोपित लोगों के साथ भाजपा नेताओं की तस्वीरों के साथ एक्स पर एक पोस्ट डाली। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी की आसाराम बापू और सीएम योगी आदित्यनाथ की स्वामी चिन्मयानंद के साथ तस्वीर शामिल थी।
समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के ट्वीट में आगे कहा गया था कि ऐसी चर्चा थी कि मालवीय महिलाओं को होटल के अपने कमरे में बुलाकर उनका बलात्कार करते थे और पुरुषों से उनके अवैध संबंधों की बातें करते थे। इस ट्वीट पर अमित मालवीय ने आपत्ति जताई थी और मानहानि का मुकदमा किया था। इसके बाद अब कोर्ट ने इसे हटाने का आदेश दिया है।