कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ‘रिपब्लिक बांग्ला’ के पत्रकार सन्तु पान को जमानत दे दी है। इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए झटका माना जा रहा है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) सरकार संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण के मामलों को दबाने में लगी है। इसी मुद्दे पर रिपोर्टिंग करते वक्त सन्तु पान को लाइव कैमरे के सामने बंगाल पुलिस गिरफ्तार कर के ले गई थी। इसके बाद देश भर में कई पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
‘रिपब्लिक’ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने रिपोर्ट करने के अधिकार की सुरक्षा की है। मीडिया संस्थान ने इसे प्रेस फ्रीडम की जीत करार दिया है। साथ ही ये भी कहा कि संदेशखाली के मुद्दे को दबाने की ममता बनर्जी की साजिश औंधे मुँह गिरी है। इस मामले में ‘रिपब्लिक’ की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने पैरवी की। कोलकाता स्थित ‘रिपब्लिक बांग्ला’ के न्यूज़रूम में सन्तु पान को बेल मिलने के बाद जश्न का माहौल रहा।
संदेशखाली का मुद्दा पिछले 1 महीने से गर्म है। TMC नेता शाहजहाँ शेख, उसके शागिर्दों शिबू हाजरा व उत्तम सरदार और इनके गुर्गों पर आरोप है कि ये सुंदर महिलाओं को घर से उठा कर स्थानीय पार्टी दफ्तर में ले जाते थे और उनका यौन शोषण करते थे। महिलाओं को ये अपने हिसाब से जितने दिन मन हो अपने पास रखते थे। ‘राष्ट्रीय महिला आयोग’ (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इलाके का दौरा कर थाने में महिलाओं की शिकायत दर्ज करवाई।
#TruthPrevails | Santu Pan, R Bangla Reporter Granted Bail, Calcutta High Court Stays Probe
— Republic (@republic) February 22, 2024
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साथ ही ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग’ (NCST) ने भी इन घटनाओं पर आपत्ति जताते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और DGP (पुलिस महानिदेशक) से जवाब तलब किया है। राज्यपाल CV आनंद बोस पीड़िताओं से मिल चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को पुलिस वहाँ नहीं जाने दे रही थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद वो पीड़िताओं से मिलने पहुँचे। अब उच्च न्यायालय ने पत्रकारों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को फटकार भी लगाई है।