कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच, 14 अगस्त की रात लेफ्ट दलों ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, लेकिन इस प्रदर्शन में शामिल लोगों ने आरजी कर अस्पताल में ही जमकर तोड़फोड़ की।
प्रदर्शनकारियों में से निकली भीड़ ने घटनास्थल यानी सेमीनार हाल में तोड़फोड़ की कोशिश की, लेकिन जब वो तीसरी मंजिल पर पहुँचने में सफल नहीं हुए, तो उन्होंने दूसरे फ्लोर को बर्बाद कर डाला। भीड़ ने सबूत मिटाने की भी कोशिश की।
इस घटनाक्रम के दौरान जो पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने और स्टाफ की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुई थी, उसके जवान भाग खड़े हुए और अस्पताल के अंदर ही घुसकर अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगे। उन्होंने स्टाफ नर्स तक को यहाँ तक कह दिया कि “आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आपके खुद की है।” इसके साथ ही पुलिस वाले टॉयलेट से लेकर बाथरूम तक में छिपकर जान बचाई। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी भीड़ रात करीब 11.20 बजे हिंसक हो गई और बैरिकेड्ट तोड़कर अंदर घुस गई।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, एक नर्स ने बताया, “वे उस सेमिनार रूम (जहां डॉक्टर से रेप-मर्डर हुआ था) को तोड़ देना चाहते थे, उनका मुख्य लक्ष्य यही था। उन्होंने तीसरी मंजिल में घुसने की कोशिश की लेकिन वे नहीं जा सके। उन्होंने दूसरी मंजिल को तहस-नहस कर दिया। इमरजेंसी वार्ड के अंदर भी पुलिसकर्मी ज्यादा संख्या में नहीं थे। पुलिसकर्मी हमसे मदद माँग रहे थे। कह रहे थे कि हमें अपने वार्ड में कहीं छिपा दो। हम इतना डरे हुए थे कि हमारी जूनियर और सीनियर सभी नर्सें रो रहीं थीं।”
सफेद एप्रन पहने एक नर्स ने एबीपी आनंदा को बताया, ” ऐसा हुआ है कि पुलिस वाले बाथरूम में घुस आए और हमसे छिपने के लिए जगह माँगी।” उसने पुष्टि की कि अस्पताल में तोड़फोड़ रोकने के बजाय पुलिस वाले छिपे हुए थे। पुलिस द्वारा यह कहे जाने पर कि उसकी सुरक्षा उसकी जिम्मेदारी है, वह हैरान रह गई।
गुरुवार (15 अगस्त) की रात को 50 से ज़्यादा लोगों की भीड़ ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को घेर लिया। गुंडों ने एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय की माँग कर रहे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर हमला किया। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में भीड़ अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ करती, पुलिस वाहनों को नुकसान पहुँचाती और वहाँ मौजूद डॉक्टरों पर हमला करती नजर आ रही है। हमलावर पत्थरबाजी में भी शामिल थे।
इस बीच, आरजी कर हॉस्पिटल में बुधवार रात हुई हिंसा और तोड़फोड़ के फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने फिर से हड़ताल का फैसला लिया है। FORDA की ओर से कहा गया है कि, सरकार काम के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं। सरकार हमारी प्रतिबद्धताओं और सेवा को उचित सम्मान नहीं दिला पा रही है, यह उसकी बड़ी विफलता है। FORDA ने कहा कि, हाल के घटनाक्रम की गंभीरता और न्याय की माँग को देखते हुए, हमने तुरंत प्रभाव से हड़ताल फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए हम रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के साथ काम कर रहे हैं और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ काम कर रहे हैं।