म्यांमार का एक रोहिंग्या मौलाना बांग्लादेश के रास्ते भारत आया। उसने ₹500 में फर्जी आधार कार्ड बनवाया। उसने इसी के सहारे सिम, पासपोर्ट, पैन कार्ड और यहाँ तक कि घर भी ले लिया। इस मौलाना ने पुणे में अपना धंधा भी जमा लिया था। महाराष्ट्र में सुरक्षा एजेंसियों ने उसे एक और रोहिंग्या की सूचना पर उसे उसके परिवार के साथ गिरफ्तार किया था। उसे जमानत भी मिल गई है। अब वह पुणे में खरीदे गए घर से गायब है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने जुलाई, 2024 में पुणे में मुहम्मद मुजम्मिल खान नाम के एक रोहिंग्या घुसपैठिए को पकड़ा था। उसके साथ उसकी बीवी और दो बच्चों को भी पकड़ा गया था। पुलिस ने जब उसकी जाँच की थी तो कई खुलासे हुए।
पुलिस को पता चला कि मुजम्मिल असल में म्यांमार का रहने वाला है और वहाँ उसने मौलाना का कोर्स किया था। इसके बाद वह 2012 में भाग कर बांग्लादेश चला गया। यहाँ वह अपनी बीवी के साथ पहुँचा था। उसके दो बेटियाँ भी थी।
बांग्लादेश में उसने रोहिंग्या शरणार्थी कैम्प में उसने अपनी बीवी और दोनों बेटियों को छोड़ दिया और एक और महिला से निकाह कर भारत में घुसपैठ की। यहाँ उसने कोलकाता में कुछ दिन गुजारे, लेकिन काम ना मिलने पर वह पुणे चला गया। पुणे में उसने एक फैक्ट्री में काम किया।
यहाँ काम करने के दौरान उसने ₹500 देकर एक फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया। उसने साथ ही पैन कार्ड और सिम और साथ ही में पासपोर्ट भी बनवा लिए। उसने पुणे में कपड़े बेचने और सुपारी बेचने का भी धंधा किया। इसमें उसे स्थानीय मस्जिद में आने वालों से मदद मिली।
मुजम्मिल ने यहाँ जमीन भी खरीद ली। इसकी भी कोई लिखापढ़ी नहीं की गई। इसके बाद इस पर मुजम्मिल ने घर भी बना लिया। यहाँ वह मजे से रहता रहा और उसकी नई बीवी ने एक बच्चे को भी जन्म दिया। हालाँकि, उसका भांडा जुलाई, 2024 में फूटा।
जुलाई में उसके घर महाराष्ट्र की ATS पहुँच गई। दरअसल, ATS ने इससे पहले एक रोहिंग्या को पकड़ा था। उसने एजेसियों को बताया कि पुणे में ही उसके मुजम्मिल मामू रहते हैं। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उसे गिरफ्तार करे कागज भी पकड़े। उसके साथ परिजनों को गिरफ्तार किया गया था।
उसे कोर्ट से बाद में जमानत भी मिल गई। अब वह परिवार यहाँ से फरार है। उसके घर पर ताला पड़ा हुआ है। पुणे में इससे पहले दिसम्बर, 2023 में कई ऐसे बांग्लादेशी पकड़े गए थे जिन्होंने एक हिन्दू महिला की मौत के बाद भी उसके कागजों के आधार पर झुग्गी का रेंट अग्रीमेंट बनवा लिया था। उन्होंने इसके बाद पासपोर्ट बनवाने की कोशिश की थी।