देहरादून पुलिस ने 485 करोड़ रुपए के बिटकॉइन स्कैम के ‘मास्टरमाइंड’ 24 वर्षीय अब्दुल शकूर की हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। अब्दुल की बुधवार देर रात हत्या कर लाश एक प्राइवेट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वॉर्ड में छोड़कर हत्यारे फ़रार हो गए थे। पुलिस ने अब्दुल के 5 सहयोगियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने शुक्रवार (30 अगस्त) को केरल के रहने वाले फारिस ममनून, अरविंद सी, आसिफ अली, सुफ़ैल मुख़्तार और आफ़ताब मोहम्मद को गिरफ़्तार किया। ये सभी केरल के रहने वाले हैं। इस मामले से जुड़ी जानकारी देते हुए देहरादून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया, “अब्दुल शकूर की हत्या की मुख्य वजह सैकड़ों करोड़ की क्रिप्टोकरंसी थी। सभी आरोपी शकूर की टीम के सदस्य थे। उन्होंने शकूर को मारने से पहले प्रेम नगर इलाके के एक घर में उसे यातनाएँ दी थीं।”
इसके आगे उन्होंने बताया कि पुलिस इन आरोपितों की तलाश कर रही थी। ये सभी केरल के मंजेरी कस्बे के रहने वाले हैं। शकूर ने कथित तौर पर मंजेरी के स्थानीय लोगों से बिटकॉइन में निवेश करने के लिए 485 करोड़ रुपए का इंतजाम किया था। पुलिस ने बताया कि बिटकॉइन में नुकसान होने के बाद शकूर और उसके साथी केरल से भाग आए। मगर केरल से कुछ लोग इनके पीछे लगे हुए थे जिसके चलते ये लोग बार-बार अपना स्थान बदल रहे थे।
एसएसपी जोशी ने बताया कि 12 अगस्त को अब्दुल शकूर के साथ आशिक देहरादून पहुँचा और किराए का घर तलाशने लगा। 20 अगस्त को उन्हें प्रेम नगर इलाक़े के सुधोवाला में एक घर किराए पर मिला, जहाँ 26 अगस्त को उनके कुछ अन्य साथी भी आए। जोशी के मुताबिक़, “अन्य सभी साथियों ने शकूर पर दबाव डाला कि वह अपने खाते का पासवर्ड शेयर करे, शकूर ऐसा करने को राज़ी नहीं था। इसके बाद में वे सभी उसे (शकूर) प्रताड़ित करने लगे, जिससे उसकी मौत हो गई। उसके शरीर पर चोट के निशान हैं।”
शकूर के बेहोश हो जाने के बाद उसके सहयोगियों उसे दो अस्पतालों में ले गए, पहले उसे बल्लूपुर चौक के पास एक अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिर वे उसे देहरादून-मसूरी मार्ग पर स्थित एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले गए। वहाँ भी डॉक्टरों ने बताया की वह मर चुका है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद सारे आरोपित अपने वाहन अस्पताल में ही छोड़ भाग गए।