गुजरात के द्वारका जिले में आरएसएस स्वयंसेवक पर हमला हुआ, जिसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वह अपनी कार में गरबा सुन रहा था। यह घटना जामखंभालिया के मदीना मस्जिद चौक की है, जहाँ पीड़ित को लाला शेख और रुस्तम समेत इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने घेर लिया। पीड़ित ने ऑपइंडिया को अपनी आपबीती सुनाई और बताया कि कैसे उसे धमकाया गया और कार से बाहर निकालकर मारपीट की गई। पुलिस ने इस घटना पर कार्रवाई करते हुए 2 लोगों समेत 30 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
ये मामला सोमवार (14 अक्टूबर 2024), सोमवार का है। जब जामखंभालिया के मदीना मस्जिद चौक के पास से पीड़ित युवक अपने एक मित्र को उसके घर छोड़ने के लिए जा रहा था। मदीना मस्जिद चौक पर मुस्लिम समुदाय का मजलिस कार्यक्रम चल रहा था। जैसे ही पीड़ित वहाँ पहुँचा, 25-30 लोगों की भीड़ ने उसे घेर लिया। उन्होंने पीड़ित को उसकी कार से बाहर निकाला, उसके कॉलर को पकड़ा और उसे धमकियाँ दीं। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने लाला शेख और रुस्तम समेत इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़ित ने बताया कि घटना उस रात हुई जब वह अपने दोस्त को घर छोड़ने जा रहा था। कार में गरबा बज रहा था, और जैसे ही वह मदीना मस्जिद चौक पहुँचा, उसने देखा कि वहाँ मजलिस का कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान उसे भीड़ ने घेर लिया। उसने बताया कि कुछ लोगों ने उसे इशारा किया कि वह वहाँ से निकल सकता है, लेकिन जब वह वापस लौटा, तो भीड़ ने उसकी कार को घेर लिया और उसे बाहर बुलाया।
पीड़ित ने कहा कि भीड़ ने उसकी कार को रोककर उसे बाहर निकाला। लाला शेख और रुस्तम समेत 25-30 लोग उसे गालियाँ देने लगे और धमकियाँ दीं कि अगर वह फिर कभी वहाँ से गुजरेगा, तो उसे जान से मार दिया जाएगा। वह किसी तरह भीड़ से निकलकर सीधे पुलिस स्टेशन पहुँचा और शिकायत दर्ज कराई।
इस पूरी घटना के बाद जामखंभालिया की पुलिस भी तुरंत हरकत में आई। घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे और पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। पुलिस ने लाला शेख और रुस्तम समेत 30 लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 352, 351 (3), 198 (2), 190, और 191 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। ऑपइंडिया के पास इस एफआईआर की एक प्रति उपलब्ध है।
घटना के बाद की कार्रवाई पर जानकारी देने के लिए ऑपइंडिया ने जामखंभालिया पुलिस स्टेशन के पीआई भूपेंद्रसिंह सरवैया से संपर्क किया। उन्होंने ऑपइंडिया को बताया, “यह घटना कल (सोमवार – 14 अक्टूबर 2024) के रात की है। जैसे ही शिकायतकर्ता हमारे पास पहुँचा, हमने तुरंत उसकी शिकायत दर्ज की और कार्रवाई शुरू कर दी। हमने इस मामले में दंगे का अपराध दर्ज किया है। वहाँ मुस्लिम समुदाय का मजलिस कार्यक्रम चल रहा था, इसलिए पुलिस पहले से तैनात थी। अब जो नामजद आरोपित हैं, उन्हें पकड़ने की कार्रवाई की जाएगी।”
पीआई सरवैया ने आगे बताया, “जो भी सबूत जुटाए जाने थे, उन्हें इकट्ठा करने का काम शुरू कर दिया गया है। चूँकि शिकायतकर्ता को सिर्फ दो व्यक्तियों के नाम ज्ञात थे, अन्य लोगों की पहचान अभी बाकी है। इसके लिए हम आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जाँच करेंगे और उनमें से अन्य लोगों की पहचान करके उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। जो नामजद आरोपित हैं, उनकी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। दूसरी तरफ, शिकायतकर्ता को किसी प्रकार का डर न हो, इसीलिए उनके घर के पास सुरक्षा तैनात कर दी गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और आगे की कार्रवाई जारी है।”
गौरतलब है कि इस घटना को लेकर जामखंभालिया क्षेत्र में फिलहाल शांति बनी हुई है, लेकिन तनाव बना हुआ है। पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए काम कर रही है और पूरे क्षेत्र पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
यह रिपोर्ट मूल रूप से गुजराती भाषा में प्रकाशित की गई है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।