बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि साईं बाबा संत या फकीर हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं हो सकते। उन्होंने यह भी कहा है कि खाल पहनकर कोई गीदड़ शेर नहीं हो सकता।
दरअसल, बागेश्वर धाम सरकार के नाम से विख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मध्य प्रदेश के जबलपुर में कथा चल रही थी। इस कथा के दौरान आयोजित प्रश्रोत्तरी में शैलेन्द्र राजपूत नामक व्यक्ति ने उनसे साईं बाबा की पूजा को लेकर सवाल किया। इस सवाल के जवाब में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है, “हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवता का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं। इसलिए, उनकी बात मानना प्रत्येक सनातनी का धर्म है। हमारे धर्म के कोई भी संत चाहे वह गोस्वामी तुलसीदास जी हों या सूरदास जी हों, संत हैं, महापुरुष हैं, युगपुरुष हैं, कल्पपुरुष हैं लेकिन भगवान नहीं हैं।”
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह भी कहा, “लोगों की अपनी-अपनी आस्था है। किसी की निजी आस्था को हम ठेस नहीं पहुँचा सकते हैं। लेकिन, इतना कह सकते हैं, साईं बाबा संत हो सकते हैं, फ़कीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं हो सकते।” उन्होंने यह भी कहा है, “हमारे ऐसा बोलने को लेकर लोग इसे कंट्रोवर्सी कह सकते हैं। लेकिन यह बोलना बहुत जरूरी है कि खाल पहनकर कोई गीदड़ शेर नहीं बन सकता।”
उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए आगे कहा है, “यदि हम शंकराचार्य का छत्र लगा लें, सिंहासन लगा लें, चरम ले लें और हम कह दें कि हम शंकराचार्य हैं तो क्या हम बन जाएँगे? नहीं बन सकते। भगवान तो भगवान ही हैं और संत सिर्फ संत हैं। जिसकी जैसी आस्था है वैसी रखनी चाहिए। लेकिन साईं भगवान नहीं हैं, ऐसा हमारे शंकराचार्य कहते हैं।” साईं बाबा की वैदिक रीति-रिवाजों से हो रही पूजा को लेकर उन्होंने कहा है, “यदि कोई वैदिक धर्म में आ रहा है तो घर वापसी तो हमारा अभियान है, कोई दिक्कत नहीं है।”
इससे पहले उन्होंने अदालत के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा था, “कोर्ट ने कहा है कि साईं बाबा सनातनी नहीं हैं, हिंदू नहीं है और शंकराचार्य जी से माफी भी माँगी है। साईं बाबा भगवान नहीं है। इंसान कभी भगवान नहीं हो सकता। इंसान गुरु हो सकता है, संत हो सकता है, महापुरुष हो सकता है, लेकिन भगवान नहीं हो सकता है।”
यही नहीं धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा की पूजा को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में यह भी कहा था कि जब सनातनियों के पास पूजा करने के लिए 33 कोटि देवी-देवता हैं तो चाँद मियाँ को पूजने की क्या जरूरत है? विश्व में सबसे ज्यादा पूज्य भगवान राम हैं। वे विश्व के पिता हैं। जो उनका नहीं, वह किसी का नहीं। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के मंदिरों में साईं प्रतिमा का विरोध किया है। शंकराचार्य जी सनातन धर्म के सर्वोच्च पद पर हैं। इसलिए सनातनियों को उनकी आज्ञा माननी चाहिए।