कुतुब मीनार में मस्जिद के प्रवेश द्वार पर रखी भगवान गणेश की मूर्तियों को हटाने के विवाद पर साकेत कोर्ट ने ASI को निर्देश दिए हैं कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद परिसर में रखी हुई भगवान गणेश की मूर्तियों को वहाँ से न हटाया जाए। वहीं इस मामले में पहले से ही पूजा अर्चना के अधिकार को लेकर याचिकाकर्ता ने अपनी नई अर्जी में कहा है कि भगवान गणेश की मूर्तियों को लेकर नेशनल मॉन्युमेंट ऑथिरिटी (NMA) के दिए सुझाव के मुताबिक नेशनल म्यूजियम या किसी दूसरी जगह विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि उन्हें इसी परिसर में हीं पूरे सम्मान के उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए।
बता दें कि एनएमए ने पिछले महीने पुरातत्व विभाग को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि भगवान गणेश की दो मूर्तियों- ‘उल्टा गणेश’ और ‘पिंजड़े में गणेश’ को राष्ट्रीय संग्रहालय में ‘सम्मानजनक’ स्थान दिया जाना चाहिए, जहाँ ऐसी प्राचीन वस्तुएँ रखी जाती हैं।
वहीं साकेत कोर्ट ने अब ये आदेश दिया है.दरअसल मस्जिद परिसर के अंदर हिंदू देवताओं की पुर्नस्थापना और पूजा अर्चना के अधिकार को लेकर याचिका दायर करने वालों ने नई अर्जी दाखिल कर कोर्ट से माँग की थी कि मस्जिद परिसर से गणेश जी की मूर्तियों को नहीं हटाया जाना चाहिए। जिस पर कोर्ट ने उन्हें वहाँ से न हटाने का आदेश दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, क़ुतुब मीनार के कुव्वत इस्लाम मस्जिद में तीर्थकर ऋषभदेव, भगवान विष्णु, गणेश जी, शिव-गौरी, सूर्य देवता समेत कई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियाँ आज भी मौजूद हैं। इनमे से ज़्यादातर मूर्तियाँ परिसर में खंडित अवस्था मेंपड़ी हैं। वहीं मस्जिद के बाहर लगे ASI के बोर्ड पर भी साफ लिखा है कि ये मस्जिद 27 हिंदू जैन मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषो से बनाई गई हैं। इसको लेकर दिल्ली के साकेत कोर्ट में याचिक दायर हुई थी।
याचिकाकर्ता ने मस्जिद परिसर में मौजूद मूर्तियों को ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए वहाँ हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना का अधिकार दिए जाने की माँग की थी। बता दें कि जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव और भगवान विष्णु को इस मामले में याचिकाकर्ता बनाया गया था।
गौरतलब है कि जहाँ एक तरफ अभी मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद देवी देवताओं के पूजा अर्चना के अधिकार की माँग वाली याचिका अभी कोर्ट में पेंडिंग ही है। वहीं NMA के चेयरमैन तरुण विजय ने संस्कृति मंत्रालय को लिखे पत्र में वहाँ मौजूद गणेश जी की मुर्तियो को हटाने की माँग की थी। 25 मार्च को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था, “ये बहुत शर्मनाक बात है कि मस्जिद परिसर के अन्दर भगवान गणेश जी की मूर्तियाँ बेहद अपमानजनक स्थिति में रखी गई हैं। एक मूर्ति ऐसी जगह है, जहाँ लोगो के पैर लगते है, वहीं दूसरी जाली में बंद है, उन्हें वहाँ से हटाकर नेशनल म्यूजियम जैसी दूसरी जगह रखा जा सकता है।”
कुतुब मीनार परिसर में हैं भगवान गणेश की दो मूर्तियाँ
बता दें कि क़ुतुब मीनार परिसर में मौजूद इन दोनों मूर्तियों को ‘उल्टा गणेश’ और ‘पिंजरे में गणेश’ कहा जाता है। ये 12वीं शताब्दी के स्मारक परिसर में स्थित हैं, जिसे 1993 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल माना गया था। ‘उल्टा गणेश’ (सिर नीचे पैर ऊपर) परिसर में कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद की दक्षिण-मुखी दीवार का हिस्सा है। दूसरी मूर्ति लोहे के पिंजरे में बंद है जो जमीन से काफी करीब है और उसी मस्जिद का हिस्सा है।